Delhi Kisan Andolan:आंदोलन के दौरान बीमार किसानों में 70 फीसद लोग खांसी व बुखार से पीड़ित
कोरोना से बचाव के उपाय को लेकर बरती जा रही लापरवाही से स्थानीय लोग व दुकानदार भी अब परेशान हो गए हैं। दुकानदार रमेश ने कहा कि कई किसान सामान खरीदने के लिए आते हैं। वह मास्क नहीं लगाते हैं। ऐसे में खुद का बचाव करना कठिन हो गया है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 08 Dec 2020 11:03 AM (IST)
पश्चिमी दिल्ली [भगवान झा]। सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के बीच कोरोना से बचाव के लिए जारी स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। न तो शारीरिक दूरी का पालन किया जा रहा है और न ही किसान मास्क लगा रहे हैं। आंदोलन में काफी संख्या में बुजुर्ग किसान पंजाब से आए हैं। सर्दी में सड़क किनारे ट्रैक्टर- ट्रॉलियों में रह रहे ये किसान अब बीमार होने लगे हैं। बीमार किसानों में 70 फीसद खांसी व बुखार से पीडि़त हैं, जो कि कोरोना के प्राथमिक लक्षण हैं। बावजूद इसके यहां पर जांच की कोई व्यवस्था नहीं है।
हैरत की बात यह है कि दवाइयों के स्टॉल पर मास्क रहने के बावजूद भी उसका किसान उपयोग नहीं कर रहे हैं। अगर अभी भी हरियाणा व दिल्ली सरकार ने इस दिशा में ध्यान नहीं दिया तो आनेवाले दिनों में इसके दुष्परिणाम सामने आएंगे और फिर स्थिति को संभालना काफी कठिन हो जाएगा।पंजाब से आए रमनदीप सिंह ने बताया कि पिछले चार दिनों से यहां पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। इस दौरान करीब एक हजार किसानों को दवाइयां दी हैं। इनमें ज्यादातर किसान सर्दी, खांसी व बुखार से पीडि़त हैं। साथ ही पेट में संक्रमण व धूल के कारण किसानों को एलर्जी भी हो रही है। यहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित व्यवस्था नहीं है। न तो कोरोना जांच हो रही है और न ही कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन की व्यवस्था है।
बता दें कि बॉर्डर पर पचास से ज्यादा दवाइयों के स्टॉल लगे हैं और यहां पर काफी संख्या में बीमार किसान दवाइयों के लिए पहुंच रहे हैं। अगर एक भी किसान कोरोना संक्रमित हुआ तो इसके फैलने में समय नहीं लगेगा। इसके अलावा हजारों लोगों का खाना दिन-रात बनता रहता है। इस कारण आंदोलन स्थल पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इससे किसानों को पेट में संक्रमण की समस्या हो रही है।दुकानदार भी परेशान
कोरोना से बचाव के उपाय को लेकर बरती जा रही लापरवाही से स्थानीय लोग व दुकानदार भी अब परेशान हो गए हैं। दुकानदार रमेश ने कहा कि कई किसान सामान खरीदने के लिए आते हैं। वह मास्क नहीं लगाते हैं। ऐसे में खुद का बचाव करना काफी कठिन हो गया है। साथ ही कई स्थानीय लोग किसानों के बीच पहुंचकर उनकी बात सुनते रहते हैं। जो किसान सर्दी, बुखार से पीडि़त हैं उनका कम से कम कोरोना जांच कराया जाए, जिससे कि उनका उचित इलाज शुरू हो सके और अन्य लोग अपना बचाव कर सकें।Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो
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