दिल्ली में कोहरे का कहर, IGI एयरपोर्ट पर फ्लाइटें एक घंटे तक हुईं लेट; इंडिगो एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी
दिल्ली-एनसीआर में कोहरे के चलते फाइटें भी प्रभावित हो रही हैं। वहीं कोहरे के कारण आईजीआई एयरपोर्ट पर कई फ्लाइटों की उड़ान में देरी हुई। इंडिगो एयरलाइंस ने भी एक्स पर पोस्ट करके यात्रियों को सलाह दी है। उधर दिल्ली में ग्रेप-4 लागू कर दिया गया है। ग्रेप-4 लागू होने से एनसीआर में सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है।
एएनआई, नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे की स्थिति के कारण यात्रियों के लिए यात्रा सलाह जारी की। इंडिगो एयरलाइंस ने एक्स पर एक पोस्ट में यात्रियों को सलाह दी कि वे यात्रा शुरू करने से पहले अतिरिक्त समय दें और उड़ान की स्थिति की जांच करें।
दिल्ली में कोहरे के चलते फ्लाइटें हुईं लेट
पोस्ट में उल्लेख किया गया है कि "कोहरा वर्तमान में दिल्ली में दृश्यता को प्रभावित कर रहा है, जिसके कारण यातायात धीमा हो सकता है और उड़ान में भी देरी हो सकती है। हम यात्रा शुरू करने से पहले अतिरिक्त समय देने और उड़ान की स्थिति की जांच करने की सलाह देते हैं।
दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट पर कम दृश्यता की प्रक्रिया चल रही है। सभी उड़ान संचालन वर्तमान में सामान्य हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान की अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।
औसतन 24 मिनट की देरी से विमान भर रहे उड़ान
आईजीआई एयरपोर्ट से संचालित होने वाली उड़ानों के प्रस्थान में विलंब का सिलसिला जारी है। इनमें अधिकांश ऐसी उड़ानें रहीं, जिन्हें दूसरे शहरों से यहां आकर उड़ान भरनी थी। शनिवार मध्य रात्रि से रविवार शाम तक आईजीआई पर प्रस्थान से जुड़ी उड़ानों में औसतन करीब 24 मिनट की देरी दर्ज की गई।
बताया गया कि करीब 200 उड़ानों में विलंब की स्थिति पांच मिनट से लेकर एक घंटे या इससे अधिक रही। विलंबित समय का ग्राफ पिछले कुछ दिनों से लगातार ऊपर की ओर जा रहा है। दिल्ली के कोहरे के साथ अन्य स्थानों का खराब मौसम या कोहरा भी उड़ानों पर असर डाल रहा है।
उदाहरण के लिए यदि पटना में कोहरा है और दिल्ली का मौसम साफ भी हो, तो भी उड़ान में विलंब होगा, क्योंकि पटना से दिल्ली आगमन में विलंब की स्थिति रहेगी। एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी एजेंसी का कहना है कि इस बार कोहरे का असर पिछली बार के मुकाबले कम होना चाहिए।
ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि कम दृश्यता में भी रनवे पर सुगम संचालन संभव बनाने वाली कैट-3 तकनीक की सुविधा से लैस सभी रनवे काम कर रहे हैं। केवल एक रनवे पर कैट-3 की सुविधा नहीं है और उसके पीछे संसाधनों की कमी नहीं, बल्कि तकनीकी कारण हैं।वहीं, पिछली बार की घटनाओं से इस बार काफी सबक लिया गया है। यदि पायलट दक्ष हैं, तो वे शून्य दृश्यता में भी यहां से उड़ानों का संचालन कर सकते हैं। साथ ही दृश्यता का स्तर कम होते ही लो-विजिबिलिटी प्रोटोकाल शुरू कर दिया जाता है, ताकि उड़ानों के संचालन में कोई दिक्कत नहीं हो।
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