हाल-ए-राजधानी: क्यों बार-बार डूब जाते हैं दिल्ली के ब्रिज? बारिश में छूट जाते हैं अफसरों के पसीने; तस्वीरें बनी गवाह
Rain in Delhi इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली का हाल बुरा है। दिल्ली में बारिश होते ही अफसरों के पसीने छूटने लगते हैं। हाल में हुई बारिश में राजधानी के कई ब्रिज डूबे हुए नजर आए। बताया जाता है कि इन ब्रिज में मिनटों में पानी भर जाता है लेकिन निकालने में घंटों लग जाते हैं। तस्वीरों में देखिए राजधानी का हाल।
अजय राय, जागरण नई दिल्ली। Rain in Delhi बारिश होते ही दिल्ली का पसीना छूटने लगता है कि फिर डूबेंगे। जलभराव में वाहन डूबने, खराब होने का खतरा सताने लगता है। शानदार सड़कों का जाल धरा रह जाता है। सड़कें लबालब घुटनों तक डूबी रहती हैं।
इसमें प्रमुख हाटस्पाट में से एक मिंटो ब्रिज है। यहां कटोरे जैसी स्थिति के कारण तेज वर्षा होने पर चौतरफा पानी की मार झेलता, कुछ ही देर में ब्रिज के नीचे की सड़क गहरे तालाब में तब्दील हो जाती है।
इसके निदान के लिए जितने उपाय हुए सबने प्रशासनिक दूरदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए। मिंटो ब्रिज दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग और स्वामी विवेकानंद मार्ग (पूर्व में मिंटो रोड) के मुख्य ट्रैफिक जंक्शन पर स्थित है और एक तरफ कनाट प्लेस और दूसरी तरफ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, पुरानी दिल्ली और दरिया गंज की ओर जाता है।
बताया गया कि यहां पानी भरने की वजह इसकी गहरा ढलान है। यहां कनाट प्लेस, स्वामी विवेकानंद मार्ग, डीडीयू मार्ग, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ से और आसपास सभी संपर्क मार्ग का पानी आता है। सारी व्यवस्था यहीं ठप हो जाती है। पंपों की मदद से पानी निकाला जाता है।
तेज वर्षा के दौरान जितना पानी पंपों से निकलता है, उससे कहीं अधिक पानी दोबारा भर जाता है। वर्ष 1967 में जल प्रवाह को रोकने के लिए ढलान को चौड़ा किया गया, लेकिन इससे मदद नहीं मिली। 1980 के आसपास डीडीयू मार्ग के दोनों किनारों पर बरसाती पानी के लिए नालियां भी बनाई गईं, समस्या ज्यों की त्यों रही।
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