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Maulana Saad: पढ़िए- मौलाना साद की वह जिद, जिसने पूरे भारत को डाल दिया मुश्किल में

Maulana Saad Delhi Nizamuddin Markaz कोराना वायरस का संक्रमण फैलते देखा तो मौलाना साद के करीबियों के साथ बुजुर्ग और अनुभवी मौलवियों ने जमात का प्रोग्राम रद करने को कहा था।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 07 Apr 2020 10:50 AM (IST)
Maulana Saad: पढ़िए- मौलाना साद की वह जिद, जिसने पूरे भारत को डाल दिया मुश्किल में
नई दिल्ली (राकेश कुमार सिंह)। Coronavirus: तब्लीगी मरकज जमात का मुखिया मौलाना साद (Maulana Saad, Chief of Tablighi Jamaat) बेहद जिद्दी बताया जाता है और उसी की जिद ने आज भारत के 20 से अधिक राज्य के करोड़ों लोगों को गहरे संकट में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि दुनिया के कई देशों में कोराना वायरस का संक्रमण की खबर मिलते ही मौलाना साद के करीबियों के साथ बुजुर्ग और अनुभवी मौलवियों ने मार्च महीने में होने वाली तब्लीगी मरकज जमात को स्थगित करने की सलाह दी थी। सलाह देने वालों में कई वरिष्ठ मुस्लिम बुद्धिजीवी भी थे, लेकिन मौलाना साद ने अपनी जिद के आगे किसी की नहीं सुनी। इसके बाद मार्च में हजारों की संख्या में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में कई हजार जमाती शामिल हुए। फिर यहां से निकल देश के विभिन्न राज्यों में गए। इस दौरान उनके से कई कोरोना वायरस की चपेट में भी थे। अब स्थिति यहां पर पहुंच गई है कि इनकी इस करतूत ने देशभर के लोगों को नई मुसीबत में डाल दिया है। बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना मामलों में पिछले एक सप्ताह के दौरान इजाफा हुआ है, इनमें 30 फीसद लोग जमात से जुड़े हुए हैं। यानी नए मामलों में 100 से 30 लोग जमाती हैं।

दूसरे गुट ने रद कर दिया था कार्यक्रम

गौरतलब है कि दिल्ली में चल रहे तब्लीगी मरकज जमात का दूसरा गुट कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और खतरे के मद्देनजर पहले से ही सतर्क हो गया था। इसी के मद्देनजर उसने बाकायदा एलान कर दिया था कि ऐसे माहौल में लोगों की जान खतरे में डालकर मकरज जमात का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा। यह गुट अपने एलान पर कायम रहा और मार्च महीने में खुद को ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनने से खुद को रोक दिया। बता दें कि तबलीगी जमात का एक गुट है शुरा-ए-जमात। इसका भी मुख्यालय दिल्ली के तुर्कमान गेट में है। इस गुट ने कोरोनो वायरस बढ़ते खतरे को भांपते हुए अपने सभी कार्यक्रम रद कर दिए थे।

मौलाना साद ने कहा था- 'यह मुस्लिमों के खिलाफ साजिश'

उधर, तब्लीगी जमात प्रमुख मौलाना साद हेकड़ी के साथ इस बीमारी के मद्देनजर जमातियों को भड़काते रहे कि यह वायरस उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

मौलाना साद की जिद का सबसे बड़ा नतीजा भुगत रहा यूपी

बता दें कि यूं तो तब्लीगी मरकज जमात में शामिल सैकड़ों लोग दिल्ली से निकलकर विभिन्न राज्यों में गए, लेकिन सबसे बड़ा नतीजा उत्तर प्रदेश भुगत रहा है। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में कुल कोरोना मरीजों की संख्या में 50 फीसद जमात से जुड़े हुए लोग हैं। 

केंद्र समेत 20 से अधिक राज्य सरकारों की बढ़ाई मुश्किल

केंद्र सरकार की मानें तो अगर तब्लीगी मरकज जमात से जुड़े लोगों ने इस तरह की करतूत नहीं की होती तो भारत इससे कहीं  बेहतर स्थिति में होता। केंद्र सरकार की संस्थाओं द्वारा जारी डाटा बताते हैं कि देश में कोरोना के मामलों में दोगुना बढ़ोत्तरी होने की दर 4.1 दिन हो गई है। जाहिर है कि जमाती मुश्किल खड़ी नहीं करते तो कोरोना वायरस फैलने की दर 7.4 दिन होती। 

कोरोना के लक्षण छिपाते रहे विदेश से आए जमाती

यहां पर बता दें कि पिछले कुछ महीनों के दौरान 40 से अधिक देशों के तकरीबन 1000 लोग निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात में शामिल होने के लिए आए थे। इनमें से कुछ लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण थे, लेकिन वे इसे छिपाते रहे। यह स्थिति तब थी जब मरकज में 1000 से अधिक लोग हमेशा मौजूद रहते थे। इससे अंदाज लगाया जा रहा है कि इन्होंने किस हद तक पूरे  भारत में भ्रमण के दौरान कोरोना वायरस फैलाया।

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