Move to Jagran APP

Maulana Saad Tablighi Jamaat: एक बैंक एकाउंट, जिसमें 48 घंटे में गायब हो जाते थे करोड़ों रुपये

Maulana Saad Tablighi Jamaat मरकज के कई बैंक खाते हैं लेकिन मौलाना साद हजरत निजामुद्दीन स्थित बैंक ऑफ इंडिया में स्थित खाते के बारे में ही जानकारी नहीं दे रहा है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 01 May 2020 09:14 AM (IST)
Hero Image
Maulana Saad Tablighi Jamaat: एक बैंक एकाउंट, जिसमें 48 घंटे में गायब हो जाते थे करोड़ों रुपये

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Maulana Saad Tablighi Jamaat: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच तब्लीगी मकरज जमात के बैंक ऑफ इंडिया के उस खाते के बारे में जानकारी हासिल करना चाह रही है, जिसमें पैसे आने के 24-28 घंटे के भीतर करोड़ों रुपये गायब कर दिए जाते थे। ये पैसे ज्यादा से ज्यादा 48 घंटे के भीतर अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए जाते थे। 

बेटे और भांजे रखते थे लेनदेन पर नजर

मरकज के लिए होने वाली फंडिंग की कमान मौलाना साद, उसके दो बेटे व भांजे के हाथ में थी। ये चारों ही सारे लेनदेन की मॉनिटरिंग करते थे। इधर करोड़ों की अवैध फंडिंग को देखते हुए साद के खिलाफ ईडी भी जांच कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल ईडी हवाला एंगल से मामले की जांच में जुटी हुई है।

पांचवां नोटिस भेजने की तैयारी में दिल्ली पुलिस

तब्लीगी मरकज के मुखिया मौलाना मुहम्मद साद को क्राइम ब्रांच लगातार नोटिस भेज रही है। लेकिन, वह न तो पुलिस को इन नोटिसों का ठीक से जवाब दे रहा है और न ही जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है। आलम यह है कि क्राइम ब्रांच ने चौथा नोटिस तीन दिन पहले भेजा है। जिसका ठीक से जवाब नहीं मिलने पर अब पांचवां नोटिस भेजने की तैयारी चल रही है।

क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मौलाना साद को जो पहला नोटिस दिया गया था। उसमें तब्लीगी मरकज संस्था व प्रबंधन से जुड़े समस्त सदस्यों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। साथ ही मरकज के सभी बैंक खातों व उसमें आने वाले देश विदेश से फंडिंग की जानकारी, आयकर रिटर्न आदि जानकारी मांगी गई थी। उस नोटिस के चंद सवालों के ही मौलाना साद के अधिवक्ता ने गोलमोल जवाब दिए थे। इससे बार-बार साद को लीगल नोटिस देना पड़ रहा है। चौथे नोटिस में भी क्राइम ब्रांच ने दस्तावेजों के साथ पूरी जानकारी मांगी है। लेकिन, साद उक्त जानकारी जानबूझ कर उपलब्ध नहीं करा रहा है।

मुकदमे के लिए साद ने चार वकीलों की टीम बनाई है, जिनके जरिये वह क्राइम ब्रांच को जवाब भिजवा रहा है। क्राइम ब्रांच का कहना है कि मरकज के कई बैंक खाते हैं, लेकिन साद हजरत निजामुद्दीन स्थित बैंक ऑफ इंडिया में स्थित खाते के बारे में ही जानकारी नहीं दे रहा है। यही नहीं इस खाते में रोज बड़ी रकम आती थी, जिसे 24-48 घंटे में कई अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। इसे लेकर भी वह कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहा है।

क्राइम ब्रांच का कहना है कि नोटिस व अधिवक्ता के जरिये साद को साफ कहा गया है कि वह एम्स में कोरोना की जांच कराकर रिपोर्ट सौंपे। साद के जांच कराकर रिपोर्ट क्राइम ब्रांच को सौंपने का दावा वकील झूठा कर रहे हैं। यही नहीं निजी लैब की रिपोर्ट यदि सौंपी भी जाएगी तो क्राइम ब्रांच उसे स्वीकार नहीं करेगी।

क्राइम ब्रांच के मुताबिक साद के करीबी, चश्मदीद गवाह व मरकज के कर्मचारियों आदि 60 से ज्यादा लोगों से अब तक पूछताछ की जा चुकी है। उनके बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से अभी साद व प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलानाओं को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।