सीएम की गिरफ्तारी के बाद AAP के लिए पहली परीक्षा होगा मेयर चुनाव, BJP दो बार बढ़ा चुकी है मुसीबत
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के लिए मेयर चुनाव पहली परीक्षा होगा। वहीं भाजपा के लिए मेयर चुनाव पर वेट एंड वाच की स्थिति में हैं लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। वैसे भाजपा का एक धड़ा फिलहाल महापौर चुनाव में प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं है लेकिन कोई निर्णय अभी तक अंतिम नहीं हुआ है।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। आबकारी घोटाले मामले में ईडी की गिरफ्त में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की पहली परीक्षा दिल्ली के महापौर का चुनाव होने जा रहा है। आम चुनाव के बीच में पंजाब के मौजूदा सांसद और एक विधायक के भाजपा में शामिल होने के बाद आप के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है।
अप्रैल में होना है महापौर का चुनाव
ऐसे में बहुमत होने के बाद भी आप के लिए तीसरी बार महापौर और उप महापौर का चुनाव जीता किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अब तक के दो बार के महापौर चुनाव में जादुई आंकड़ा न होने के बाद भी भाजपा ने आप को परेशान किया है। ऐसे में देखना होगा कि अब अप्रैल में होने वाले चुनाव में क्या होगा।
क्या करेगी भाजपा?
भाजपा सूत्रों के मुताबिक महापौर चुनाव पर वेट एंड वाच की स्थिति में हैं, लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। वैसे भाजपा का एक धड़ा फिलहाल महापौर चुनाव में प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं है, लेकिन कोई निर्णय अभी तक अंतिम नहीं हुआ है।बीते दो चुनाव में भी भाजपा ने आखिर में प्रत्याशी उतारकर आप की मुसीबत बढ़ा दी थी। इसकी वजह से फरवरी 2023 में हुए महापौर के चुनाव में काफी घमासान हुआ था।
इतना ही नहीं रात-रातभर निगम सदन की बैठक भी चली थी। हालांकि फरवरी 2023 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रेखा गुप्ता को आप प्रत्याशी शैली ओबेराय ने हरा दिया था। ओबेराय ने 150 मत मिले थे जबकि रेखा गुप्ता को 116 मत मिले थे। महापौर के साथ ही उप महापौर पद पर आप ने जीत दर्ज की थी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित है महापौर का पद
दिल्ली नगर निगम एक्ट के अनुसार पहला वर्ष महिला पार्षद के लिए आरक्षित होता है जबकि तीसरा वर्ष अनूसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है। दिसंबर 2022 में हुए आम चुनाव के बाद पहले वर्ष के महापौर का चुनाव जनवरी में तय हुआ था। हंगामे के कारण यह प्रक्रिया फरवरी में पूरी हो पाई और शैली ओबेराय महापौर बनीं। चूंकि एमसीडी एक्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में होने वाली सदन की पहली बैठक में चुनाव होता है। इसलिए अप्रैल में पुनः महापौर के चुनाव हुए। इस चुनाव के लिए भी भाजपा ने प्रत्याशी उतार दिए थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले भाजपा के प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया जिससे शैली ओबेराय और आले मोहम्मद इकबाल निर्विरोध महापौर और उप महापौर चुने गए।सीएम के सुझाव पर ही तय होगा आप का महापौर प्रत्याशी
दिल्ली नगर निगम के लिए आप की ओर से महापौर प्रत्याशी सीएम से चर्चा के बाद ही तय होगा। आप सूत्रों के मुताबिक भले ही सीएम अभी ईडी की गिरफ्त में है लेकिन जिस प्रकार उनसे पार्टी के विभिन्न मुद्दों पर अभी राय ली जा रही है ऐसे ही राय महापौर प्रत्याशी चुनने के लिए ली जाएगी। इसके बाद ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी।उपराज्यपाल को तय करना होगा पीठासीन अधिकारी
दिल्ली नगर निगम में महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी तय करने का अधिकार उपराज्यपाल के पास है। फिलहाल महापौर शैली ओबेराय ही महापौर चुनाव की तारीख तय करेगी। जो कि संभवतः अप्रैल माह के आखिर में होगी। महापौर द्वारा तारीख तय करने के बाद दिल्ली नगर निगम महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी चुनने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के माध्यम से भेजेगा। इसमें उपराज्यपाल ही वर्तमान पार्षदों में किसी सदस्य को पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर सकते हैं। पूर्व में आदर्श व्यवस्था यह रही है कि वर्तमान महापौर को ही पीठासीन अधिकारी बनाया गया है लेकिन कई मौकों पर दूसरे पार्षदों को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है।किसके पास हैं कितने सदस्य
- आम आदमी पार्टी: 134 व 1 निर्दलीय
- राज्यसभा सदस्य: 3
- विधायक: 13
- भाजपा : 104 व 1 निर्दलीय
- सांसद : 7
- विधायक : 1
- मनोनीत सदस्य : 10
- कांग्रेस : 9
- निर्दलीय: 1
कौन करते महापौर और उप महापौर चुनाव के लिए वोट
- 250 निर्वाचित पार्षद
- सात लोकसभा सांसद
- तीन राज्यसभा सदस्य
- 14 विधायक