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MCD Mayor Election: फिर इस माह नहीं होगा महापौर का चुनाव, 28 अक्टूबर को सदन की बैठक

अप्रैल 2024 में महापौर का चुनाव होना था लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल पर सीएम की अनुशंसा नहीं थी। इसलिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से इनकार कर दिया था। इस कारण मेयर का चुनाव लगातार टलता ही रहा है।

By Sonu Suman Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 18 Oct 2024 11:12 PM (IST)
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फिर इस माह नहीं होगा महापौर का चुनाव।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अप्रैल 2024 से लंबित चल रहे महापौर चुनाव के लिए महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने मंजूरी नहीं दी है। अगामी 28 अक्टूबर को निगम सदन की बैठक तो होगी लेकिन महापौर का चुनाव नहीं होगा। जबकि निगम ने महापौर से इसी माह चुनाव कराने की मंजूरी मांगी थी। लेकिन, निगम को मंजूरी नहीं मिली।

हालांकि महापौर चुनाव न कराने को लेकर विपक्षी भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर अनुसचित जाति विरोधी होने का आरोप लगाते हुए महापौर चुनाव टालने की बात कही है। जबकि खबर लिखे जाने तक महापौर का अधिकारिक पक्ष नहीं आया है। हालांकि 16 अक्टूबर को आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने महापौर चुनाव कराने को कहा था।

चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से इनकार

उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2024 में महापौर का चुनाव होना था लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति की फाइल पर सीएम की अनुशंसा नहीं थी। इसलिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से इनकार कर दिया था।

महापौर चुनाव की तारीख तय करने की अनुमति मांगी

साथ ही डॉ. शैली ओबेराय को ही महापौर के तौर पर कार्य करने के आदेश दिए थे। पुन: महापौर चुनाव होने की उम्मीद तब जागी तब अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और आतिशी ने सीएम बन गई। इसके बाद जब महापौर चुनाव कराने में सभी कानूनी अड़चने समाप्त हो गई तो निगम ने डॉ. शैली ओबेराय ने महापौर चुनाव की तारीख तय करने की अनुमति मांगी।

इस पर महापौर ने 28 अक्टूबर को सुबह 11 बजे सदन की बैठक बुलाने की मंजूरी तो दे दी है लेकिन महापौर चुनाव की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में अब अगले माह ही महापौर चुनाव होने की संभावना है, क्योंकि निगम सदन की प्रत्येक माह बैठक होती है। ऐसे में अगले माह जो भी सदन की बैठक होगी उसमें महापौर चुनाव होगा।

चुनाव पांच वर्ष में प्रत्येक वर्ष अप्रैल में होने का नियम

दिल्ली नगर निगम में महापौर का चुनाव पांच वर्ष में प्रत्येक वर्ष अप्रैल में होने का नियम है। दिसंबर 2022 में जब निगम के आम चुनाव हुए तो आप ने 134 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद आप पार्षद डॉ. शैली ओबेराय फरवरी 2023 महापौर बन गई थी। वित्तीय वर्ष समाप्ति के बाद अप्रैल 2023 में हुए महापौर के चुनाव में फिर शैली ओेबेराय महापौर निर्वाचित हुई थी। जबकि अप्रैल 2024 का महापौर चुनाव हो नहीं पाया था। एमसीडी एक्ट के अनुसार महापौर पद पर पहला वर्ष महिला पार्षद के लिए आरक्षित होता है जबकि तीसरा वर्ष अनुसूचित जाति के पार्षद के लिए आरक्षित होता है।

ब्राजील घूमने जाना चाहती है महापौर: राजा इकबाल सिंह

एमसीडी के नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने भाजपा बार-बार कह रही थी कि आप जानबूझकर महापौर चुनाव टाल रही है। आप द्वारा महापौर चुनाव की अनुमति न देने से यह साबित हो गया है कि वह अनुसूचित जाति विरोधी है। उन्होंने कहा कि इस माह महापौर चुनाव कराने में कोई भी समस्या नहीं थी लेकिन आप ने महापौर चुनाव कराने की अनुमति नहीं दी। नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने कहा कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि महापौर ब्राजील सरकारी खर्चे पर घूमने जाना चाहती है। इसकी वजह से उन्होंने आरक्षित महापौर पद पर चुनाव नहीं कराया है।

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