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MCD Session: महापौर चुनाव को लेकर सदन में हंगामा, पारित हुए प्रस्ताव; विपक्षी सदस्यों ने उठाए सवाल

एमसीडी सदन की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महापौर पद का चुनाव कराने की मांग की। हंगामे के बीच प्रस्ताव पास किए गए। भाजपा ने सवाल उठाए हैं कि सत्तारूढ़ होने के बाद भी आप पार्षदों की संख्या भाजपा के पार्षदों से कम थी। इसकी वजह से पारित प्रस्ताव अवैध हैं।

By Nihal Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Sat, 05 Oct 2024 07:08 PM (IST)
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महापौर चुनाव को लेकर सदन में हंगामा, पारित हुए प्रस्ताव।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महापौर पद का चुनाव कराने की मांग की। इससे सदन में हंगामा हो गया तो हंगामे के बीच प्रस्ताव पास किए गए। इस पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं।

भाजपा ने कहा है कि सत्तारुढ़ होने के बाद भी आप पार्षदों की संख्या भाजपा के पार्षदों से कम थी। इसकी वजह से पारित प्रस्ताव अवैध हैं। इस पर भाजपा ने निगमायुक्त और महापौर को पत्र लिखकर प्रस्तावों को नए सिरे से चर्चा के लिए सदन में लाने की मांग की है।

भाजपा पार्षद भी महापौर के आसन के सामने आए

26 सितंबर को स्थायी समिति सदस्य पद के चुनाव पर विवाद होने और सुप्रीम कोर्ट से स्थायी समिति चेयरमैन के चुनाव पर रोक के बाद सदन में हंगामे के आसार पहले ही जताए जा रहे थे। हुआ भी यही। सदन की बैठक जैसे ही शुरू हुई तो दो शोक प्रस्तावों के बाद महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने 26 सितंबर की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि स्थायी समिति सदस्य का जो गलत तरीके से चुनाव हुआ उस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रोक लगा दी है। यह बात कहता देख भाजपा के पार्षद भी महापौर के आसन के सामने आ गए।

मुकेश गोयल ने प्रस्तावों को पारित कराना शुरू किया

साथ ही बेंच पर चढ़कर महापौर को बोलने से रोकने लगे। वहीं, कई पार्षदों के हाथ में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित महापौर पद पर चुनाव कराने की तख्तियां थी। जिसमें अनुसूचित के महापौर का चुनाव कराओ के नारे भाजपा पार्षद लगा रहे थे। हंगामे के बीच नेता सदन मुकेश गोयल ने प्रस्तावों को पारित कराना शुरू कर दिया।

बारी-बारी से प्रस्तावों पर निर्णय लिए गए। कुल 22 प्रस्तावों में 10 प्रस्तावों को पारित कर दिया जबकि दो निगमायुक्त को वापस भेज दिया और शेष दस प्रस्तावों को अगली बैठक तक के लिए स्थगति कर दिया। चूंकि स्थायी समिति के चेयरमैन का चुनाव कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इसलिए स्थायी समिति के गठन के मंजूरी देने वाला प्रस्ताव भी स्थगित कर दिया गया है।

पास किए गए प्रस्ताव माने जाएंगे रद्द: राजा इकबाल सिंह

सदन में पारित प्रस्तावों को विपक्षी भाजपा ने गलत करार दिया है। साथ ही इन प्रस्तावों को रद माना जाएगा। नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह कहा कि सदन की बैठक में आप के पास बहुमत नहीं था। क्योंकि सदन में आप के 81 तो भाजपा के 94 पार्षद मौजूद थे। जब सदन में प्रस्तावों को पास किया जा रहा था तो भाजपा पार्षद महापौर से वोटिंग कराने की मांग कर रहे थे।

जो भी प्रस्ताव पारित हुए हैं वह नियमों के विरूद्ध

राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि महापौर डॉ. शैली ओबेराय ने भाजपा पार्षदों की मांग को जानबूझकर नजरअंदाज किया। जबकि एमसीडी के प्रक्रिया एवं संचालन नियम के अनुच्छेद 44 (1) के तहत जरुरी होता है कि अगर, न्यूनतम चार या उससे अधिक पार्षद किसी प्रस्ताव वोटिंग कराने की मांग कर दें तो महापौर को वोटिंग करानी होगी। पर महापौर ने ऐसा नहीं किया। इसलिए जो भी प्रस्ताव पारित हुए हैं वह नियमों के विरूद्ध हैं।

उन्होंने यह भी दावा किया कि आप पार्षद आप द्वारा स्थायी समिति के चुनाव में बाधा डालने से नाराज है इसलिए सदन में नहीं पहुंचे। उन्होंने महापौर के पास सदन में बहुमत न होने पर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।

महिला महापौर के साथ की गई बदतमीजी: मुकेश गोयल

एमसीडी में नेता सदन मुकेश गोयल ने भाजपा ने सदन में किसी भी प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग नहीं की। सभी प्रस्तावों को सर्वसहमति से पास किया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी बात उठाने का सभी का अधिकार है। महापौर के आसन के पास आकर भाजपा के पार्षदों ने विरोध किया और तो और महापौर से भी बदतमीजी की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा पार्षद महापौर के हाथ से कागज छीन रहे थे और बोलने भी नहीं दे रहे थे। जो कि पूरी तरह से गलत हैं।

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