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विदेशी परिंदों से गुलजार हुआ सूरजपुर पक्षी विहार, जानें- क्या है खास

पक्षियों की संख्या बढ़ते ही पक्षी विहार में सैलानियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। सर्दियों में हर साल यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है।

By Amit MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Dec 2017 08:29 PM (IST)
विदेशी परिंदों से गुलजार हुआ सूरजपुर पक्षी विहार, जानें- क्या है खास

नोएडा [पंकज मिश्रा]। पक्षियों को उड़ते देखना, उनकी चहचहाहट सुनना हर किसी को पसंद होता है। इन्हें देखकर जीवन में बिना रुके आगे बढ़ते रहने की सीख मिलती है। इनकी चहचहाहट कानों को ही नहीं दिल में भी सुकून घोल देती है। शांति और सकारात्मकता का कुछ ऐसा ही माहौल इस समय सूरजपुर पक्षी विहार का है, जहां मौजूद हजारों की संख्या में साइबेरियन पक्षी इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं।

गगनचुंबी इमारतों, मॉल्स व वाहनों के शोर शराबे से दूर जाकर अगर आप सुकून के पल बिताना चाहते हैं तो फिर पक्षी विहार आपकी प्रतीक्षा कर रहा है। यहां जाकर आप न सिर्फ खुद को प्रकृति के करीब महसूस करेंगे बल्कि आपमें सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होगा।

सैलानियों का लग रहा जमावड़ा 

पक्षियों की संख्या बढ़ते ही पक्षी विहार में सैलानियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। सर्दियों में हर साल यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ जाती है, जो विदेशी पक्षियों को निहारने के साथ ही गुनगुनी धूप का भी भरपूर लुत्फ उठाते हैं। इसके साथ ही इसके अंदर भोजन करने के लिए फूड हट भी बनाया गया हैं। वहीं, वॉच टावर से झील के पानी में अठखेलियां करते पक्षियों को देखा जा सकता है।

पक्षी विहार के सेक्शन ऑफिसर देंवेंद्र सिवाच ने बताया कि विदेशी पक्षियों की सुरक्षा के लिए कर्मचारी दिन में चक्कर लगाते रहते हैं। उन्होंने बताया कि व्यवस्थाओं को अभी और भी दुरुस्त किया जा रहा है। जनवरी मध्य तक आगंतुकों की संख्या और भी बढ़ जाता है।

इन प्रजातियों के पक्षी हैं मौजूद 

सूरजपुर पक्षी विहार में पूर्वी साइबेरिया, उत्तरी एशिया, रूस व कजाकिस्तान से प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। साइबेरियन वाटर फॉल, सबलस, कॉमन टीन, नार्दन पिंटेल, यूरिशियन बिजन, मलॉड, कॉमन पोचर्ड, ग्रेलैग को आसानी से देखे जा सकते हैं।

मौसम अनुकूल रहा तो कॉमन टील, कॉमन ग्रीनशैंक भी प्रवास के लिए यहां पहुंच सकते हैं। ये पक्षी आमतौर पर ठंड बढ़ने पर दिसंबर मध्य से जनवरी के बीच यहां प्रवास के लिए पहुंचते हैं। खास बात यह है कि प्रवास पर निकलने के दौरान ये सभी पक्षी एक साथ निकलते हैं। प्रख्यात पर्वारणविद आनंद आर्या के मुताबिक सर्दियों की दोपहर में विदेशी पक्षियों को आसानी से माइग्रेशन करते देखा जा सकता है।

इसलिए हर साल आते हैं विदेशी पक्षी 

आनंद आर्य के मुताबिक ठंड के मौसम में विदेशो में साइबेरिया, यूरोप, मध्य एशिया, रूस इत्यादि देशो में बर्फ जम जाती है। हाड़ कंपाने वाली ठंड में इनका आहार बनने वाले जीव या तो मर जाते हैं या जमीन में छिप जाते हैं, जिससे इनको भोजन-पानी की समस्या पैदा होती है। ऐसी स्थिति में इन पक्षियों के लिए आहार ढूंढना और जिंदा रहना मुश्किल हो जाता है। इसलिए वे भारत या अफ्रीका जैसे अपेक्षाकृत गर्म देशों में चले आते हैं, जहां बर्फ नहीं जमती और उन्हें आहार भी मिल जाता है। 

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