प्रवासी पक्षियों से खिल उठा सूरजपुर पक्षी विहार, बनाया गया है विशेष सेल्फी प्वाइंट
पक्षी विहार में कई स्थानों पर प्राकृतिक रूप लिए पिकनिक प्वाइंट बनाया गया है। तीन स्थानों पर प्राकृतिक चीजों की सहायता से झोपड़ी बनाई गई है।
नोएडा [मनीष तिवारी]। नष्ट किए हमने हरे भरे वृक्ष व लताएं, दिखे कहीं हरयाली का अब नाम नहीं, लहलहाते थे कभी वृक्ष हर आंगन में, बचा शेष उन गलियारो का श्रृंगार नही.. हरियाली के बीच नदी का किनारा, मस्ती में झूमते पेड़ों की डाली, मन को मंत्रमुग्ध कर देने वाली मधुर चहचहाट के साथ पानी में जल क्रीड़ा करते पक्षियों का हुजूम, ऐसे प्राकृतिक नजारे की चाह सभी को होती है। जहां पर मौज मस्ती के साथ घूमते, प्राकृतिक नजारों का आनंद लेते हुए परिवार व दोस्तों के साथ शांति के कुछ पल बिताए जाएं। बांस व घास से तैयार झोपड़ी के नीचे बैठकर पिकनिक का आनंद लिया जाए।
ऐसे ही नजारों को अपनी गोद में समेटे हुए है सूरजपुर पक्षी विहार। पक्षी विहार का नजारा लोगों को खूब रास आ रहा है। 308 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में फैला पक्षी विहार हरियाली की चादर ओढ़े हुए है। जहां पर 60 हेक्टेयर क्षेत्र में पानी है। लोगों के लिए पूरे क्षेत्र को प्रकृति के साथ बिना छेड़छाड़ किए सुंदर रूप से तैयार किया गया है। लोगों के साथ ही पक्षियों को भी यह नजारा बहुत पसंद आता है। क्षेत्र में विशेष रूप से ठंड के मौसम में देशी विदेशी पक्षियों का जमावड़ा होता है। पक्षियों के आने का सिलसिला नवंबर से शुरू हो जाता है। ठंड के साथ ही पक्षियों की संख्या तेजी से बढ़ती है। मध्य ठंड में पक्षी विहार में दस हजार से अधिक पक्षियों का बसेरा हो जाता है।
हर ओर दिखेगा प्राकृतिक नजारा
पूरे क्षेत्र में जिस ओर नजर जाएगी प्राकृतिक नजारा ही नजर आएगा। यहां पर आने वाले लोग प्राकृतिक नजारे का आनंद ले सकें, इसके लिए दो स्थानों पर दो मंजिला भवन की ऊंचाई के बराबर वाच टावर बनाया गया है। सुंदरता को समेटे दोनों टावर की अपनी अलग विशेषता है। जहां एक टावर को क्षेत्र में लगे हरे पेड़ों के ऊपर बनाया गया है। वहीं दूसरे टावर को पेड़ों की डाल का रूप देकर बनाया गया है। टावर के ऊपर बैठने के लिए स्थान बनाया गया है। जहां से पूरे क्षेत्र का सुंदर नजारा दिखता है।
झील के बीच पहुंच ले सकते हैं आनंद
लोगों की इच्छा झील के बीच पहुंचने की होती है। इसे देखते हुए यहां पर झील के बीच तक कंट्रील का पुल बनाया गया है। यहां बैठने से नदी में पानी पर बैठने का एहसास होता है। यह विशेष सेल्फी प्वाइंट भी है।
कई स्थानों पर है पिकनिक प्वाइंट
पक्षी विहार में कई स्थानों पर प्राकृतिक रूप लिए पिकनिक प्वाइंट बनाया गया है। तीन स्थानों पर प्राकृतिक चीजों की सहायता से झोपड़ी बनाई गई है। जहां पर बैठने, खाने का सामान रखने के लिए मेज की भी सुविधा है। झोपड़ी में चारों ओर से आने वाली शुद्ध हवा मन को प्रसन्न कर देती है।
पक्षियों के विषय में लें जानकारी
पक्षी विहार में पक्षियो के विषय में जानकारी देने के लिए दर्जनों स्थान पर बोर्ड लगाए गए हैं। एक बोर्ड में एक पक्षी की विस्तृत जानकारी दी गई है। इसमें पक्षी की फोटो, उसका आकार, स्वभाव, विशेषता, खाने में उसे क्या पसंद होता है, कैसे स्थानों पर रहते हैं, विशेष रूप से कहां पर पाए जाते हैं, कौन सा मौसम उन्हें अधिक पसंद होता है आदि जानकारी अंकित है। जिन्हें पढ़कर व्यक्ति पक्षियो के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।
दर्जनों प्रजाति के पक्षियों का होता है बसेरा
पक्षी विहार में एक-दो नहीं बल्कि देशी-विदेशी दर्जनों प्रजाति के पक्षियों का बसेरा होता है। यहां पर पक्षियों की चहचहाट ही सुनाई देती है। यहां पर प्रमुख रूप से बड़ा बसंता, किलकिला, गंगा मैना, छोटी सिलही, पनडुब्बी, दहक, सफेद सिरा, नकलनोर, जलपीपी, तार बगला, सफेद बुज्जा, नीलकंड, गुडेरा, भूरा तीतर, करचिया बगुला, जंगल कोतवाल, जग बगला, काला बाजा, चमचा, पन कौवा, पतोरी, लाल अंजन, मधुष्येन, सुर्खाब, लोहार जंग, मुटरी, गिरजा, बलाक, फुदकी, सार मुनिया आदि पक्षी अपना बसेरा बनाते हैं।
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