दिल्ली नगर निगम के पास नहीं है पैसा, कैसे बनेगा बजट? आतिशी ने केंद्र से मांगे 10 हजार करोड़
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा दिल्ली देश में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले राज्यों में से एक है। पिछले साल उन्होंने केंद्र सरकार को कुल 2.32 लाख करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया था। हालांकि फिर भी दिल्ली को अपने शहरी स्थानीय निकायों के लिए आवंटन नहीं मिलता है। उन्होंने 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में दिल्ली के लिए पांच प्रतिशत आवंटन की मांग की।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने शनिवार को केंद्र से एमसीडी के लिए 10,000 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन की मांग की और आरोप लगाया कि नगर निकाय को बजट में अपना हिस्सा नहीं मिलता है। दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने बताया कि ओबेरॉय ने इस संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है।
आतिशी ने कहा, "दिल्ली देश में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले राज्यों में से एक है। पिछले साल उन्होंने केंद्र सरकार को कुल 2.32 लाख करोड़ रुपये का टैक्स चुकाया था। हालांकि, फिर भी दिल्ली एकमात्र राज्य है जिसे अपने शहरी स्थानीय निकायों के लिए आवंटन नहीं मिलता है। उन्होंने 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्र सरकार के बजट में दिल्ली द्वारा भुगतान किए गए करों में से पांच प्रतिशत आवंटन की मांग की।"
निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को करेगी बजट पेश
शैली ओबेरॉय ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) इस पैसे का उपयोग शहर की सफाई, सड़कों के रखरखाव और पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिए करेगा। उन्होंने कहा, "हम शहर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 5000 करोड़ रुपये, सड़कों के लिए 3000 करोड़ रुपये और पार्कों के सौंदर्यीकरण के लिए 2000 करोड़ रुपये का उपयोग करना चाहते हैं।" 23 जुलाई को सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2024-25 प्रस्तुत किया जाएगा, जो उनकी सातवीं बजट प्रस्तुति और मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट है।हम आपसे भीख नहीं मांग रहे हैं: आतिशी
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मुंबई, भोपाल, पटना और कोलकाता समेत अन्य बड़े शहरों की साफ-सफाई के लिए पैसा दे सकते हैं तो आप दिल्ली नगर निगम को पैसा क्यों नहीं देते हैं? हम आपसे कोई भीख नहीं बल्कि दिल्ली के लोगों के द्वारा दिये गये करोड़ों रुपए में से ही हिस्सा मांग रहे हैं। हम MCD के लिए केवल 10 हजार करोड़ रुपए ही मांग रहे हैं और यह दिल्ली के लोगों द्वारा दिए गए इन्कम टैक्स का मात्र 5% ही है।
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