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बढ़ रही हैं सत्येंद्र जैन की मुश्किलें, जानें- क्या हैं आरोप और कब-कब रहे चर्चा में

जैन पर विभिन्न जांच एजेंसियों का शिकंजा कस रहा है ऐसे में आने वाले समय में जैन का पद पर बने रहना आसान नहीं होगा।

By Amit MishraEdited By: Updated: Wed, 30 May 2018 10:57 PM (IST)
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बढ़ रही हैं सत्येंद्र जैन की मुश्किलें, जानें- क्या हैं आरोप और कब-कब रहे चर्चा में

नई दिल्ली [जेएनएन]। सत्येंद्र जैन की छवि दिल्ली सरकार में सबसे विवादित मंत्री के रूप में मंत्री बनती जा रही है। जैन पर कई आरोप लग चुके हैं। इस कारण इन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग उठ चुकी है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के करीबी होने के चलते जैन अभी तक बचते आए हैं। मगर जिस तरह से जैन पर विभिन्न जांच एजेंसियों का शिकंजा कस रहा है ऐसे में आने वाले समय में जैन का पद पर बने रहना आसान नहीं होगा। बहरहाल जैन पर क्या हैं आरोप और कब-कब चर्चा में रहे हैं डालते हैं एक नजर- 

रजिस्ट्रार को रिश्वत का मामला

-कुछ माह पहले दिल्ली डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार को रिश्वत के मामले में सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था। जैन की संपत्ति के दस्तावेज डेंटल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. ऋषिराज के लॉकर में मिले थे। सीबीआइ अब भी जांच कर रही है कि जैन के दस्तावेज डॉ. ऋषिराज के लॉकर में कैसे पहुंचे?

सत्येंद्र जैन दैनिक जागरण के लिए इमेज परिणाम

मनी लांड्रिंग का आरोप

-जैन पर मनी लांड्रिंग का आरोप लग चुका है। आरोप है कि सत्येंद्र जैन ने 2015-16 के दौरान लोक सेवक रहते हुए 4.63 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग की। यह राशि प्रयास इंफो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, अकिनचंद डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से दी गई। इसके अलावा इंडोमेटल प्राइवेट लिमिटेड के जरिये 2010-12 के दौरान भी 11.78 करोड़ रुपये का मनी लांड्रिंग का जैन पर आरोप है। इस मामले में 3 अप्रैल 2018 और 11 अप्रैल 2018 को जैन से पूछताछ हुई है।

कपिल मिश्रा ने लगाया गंभीर आरोप 

-मंत्री पद से हटाए जाने के बाद कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मंत्री सत्येंद्र जैन को दो करोड़ रुपये मुख्यमंत्री को उनके घर देते हुए देखा था। केजरीवाल ने आज तक इस आरोप पर कोई जवाब नहीं दिया है। इस मामले में सत्येंद्र जैन ने कपिल मिश्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया हुआ है। मामला अभी कोर्ट में है।

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केजरीवाल के रिश्तेदार को बनाया था ओएसडी

सत्येंद्र जैन ने डॉ. निकुंज अग्रवाल को अपना ओएसडी (स्वास्थ्य) बनाया था। निकुंज अग्रवाल अरविंद केजरीवाल के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के मामले में सीबीआइ ने 30 दिसंबर 2016 को दिल्ली सचिवालय में छापा मारा था। इसके बाद सत्येंद्र जैन ने निकुंज अग्रवाल को ओएसडी के पद से हटा दिया था।

सुरेंद्र बंसल को फर्जी बिल पर किया भुगतान

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढ़ू सुरेंद्र बंसल (दिवंगत) ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों के फर्जी बिलों के भुगतान के लिए उनके नाम का सहारा लिया। इस मामले में हुई एफआइआर में मुख्यमंत्री का भी नाम है। लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ही शुरू से हैं भाजपा व कांग्रेस के लोग इसपर भी आरोप लगा रहे हैं।

बेटी को बनाया हेल्थ मिशन का निदेशक

मंत्री सत्येंद्र जैन ने बेटी सौम्या जैन को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्टेट हेल्थ मिशन में 18 अप्रैल 2016 को सलाहकार नियुक्त किया था। सौम्या ने इसके लिए 1 अप्रैल 2016 को आवेदन किया था। लेकिन, लेटर के मुताबिक इस मामले में संदेह की बात यह है कि 18 अप्रैल से सौम्या की नियुक्ति के मामले को सरकार की मंजूरी 10 मई, 2016 को मिली। यही नहीं आवेदन और बायोडेटा के मुताबिक उनके पास स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं था। उनको आर्किटेक्चर फील्ड में काम करने का अनुभव है। उनकी नियुक्ति के लिए कोई खुली और पारदर्शी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। यही नहीं, सौम्या ने कहा था कि वह इस सेवा के लिए कोई मानदेय नहीं लेंगी। लेकिन, प्रशासनिक विभाग से हासिल सूचनाओं से पर्दाफाश हुआ कि उनके टूर और प्रशक्षिण पर 1.15 लाख रुपये खर्च किए गए। एलजी ऑफिस ने सौम्या की नियुक्ति से संबंधित फाइलें अपने पास मंगाई थीं। 

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