कोहरे की वजह से बदल सकता है आपकी फ्लाइट का शेड्यूल, यहां जानिए पूरी डिटेल
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की सलाहकार समिति ने शुक्रवार को दिल्ली में बैठक की और सर्दियों के मौसम से पहले कोहरे की योजना बनाने पर पर चर्चा की। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। इस दौरान सिंधिया ने बताया कि DGCA द्वारा सक्रिय रुख अपनाने से कोहरे की अवधि के दौरान उड़ानों को रद्द करने और उनके मार्ग को बदलने के मामलों में गिरावट आई है।
विमानन मंत्रालय ने की कोहरे की योजना की समीक्षा
इस दौरान सिंधिया ने कहा कि डीजीसीए (DGCA) द्वारा सक्रिय रुख अपनाने से कोहरे की अवधि के दौरान उड़ानों को रद्द करने और उनके मार्ग को बदलने के मामलों में गिरावट आई है।कोहरे की अवधि के दौरान पिछले दो साल में हवाई जहाजों की आवाजाही में 22 प्रतिशत का इजाफा हुआ। वर्ष 2021-22 में, कुल 136374 विमानों की आवाजाही में से 124 उड़ानें रद्द की गई थीं। इस तरह विमानों के रद्द करने की दर 0.09 प्रतिशत थी।वहीं, वर्ष 2022-23 में कुल 166927 विमानों की आवाजाही में से रद्द होने वाली उड़ानें कम होकर 86 रह गईं। इस तरह रद्द होने की दर 0.05 प्रतिशत रही। इसी तरह 2021-22 में, कोहरे का सामना करने वाले आठ मुख्य हवाई अड्डों से 58 उड़ानों का मार्ग बदला गया, जिनकी संख्या 2022-23 में घटकर 14 रह गई।
10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच रहता है ज्यादा कोहरा
कोहरा एक मौसमी घटना है, जो आमतौर पर जमीनी स्तर से कुछ हजार फीट ऊपर तक सीमित रहती है। सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण 1000 मीटर से नीचे खराब दृश्यता पैदा हो जाती है। यह स्थिति भारत के उत्तरी हिस्सों तक ही सीमित नहीं है और यह फ्लाइट संचालन को प्रभावित करती है। कोहरे की स्थिति के दौरान, जमीन के करीब हवा की परत में पानी की बूंदों और धूल की मौजूदगी की वजह से विजिबिलिटी खराब हो जाती है। प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच की अवधि को आमतौर पर कोहरे की अवधि माना जाता है।