दिल्ली में सामने आया मंकी पॉक्स का मामला, लोक नायक अस्पताल में भर्ती हुआ मरीज
लोक नायक अस्पताल में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज को भर्ती किया गया है। विशेष वॉर्ड में रखा गया है। अभी तक संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। पिछले महीने एम्स में भी एक संदिग्ध मरीज भर्ती हुआ था लेकिन उसमें संक्रमण नहीं मिला था। लोक नायक अस्पताल में मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए डिजास्टर वार्ड में लगभग 20 बेड आरक्षित किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लोक नायक अस्पताल में दो दिन पहले मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज को भर्ती कराया गया है। उसको मंकी पॉक्स के लिए बनाए गए विशेष वार्ड में रखा गया है। हालांकि, अभी तक उसके संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है। पिछले महीने एम्स में भी एक संदिग्ध मरीज भर्ती हुआ था, लेकिन उसमें संक्रमण नहीं मिला था।
लोक नायक अस्पताल में मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए डिजास्टर वार्ड में लगभग 20 बेड आरक्षित किए गए हैं। इनमें ही संदिग्ध मरीज को रखा गया है। बताया गया है कि संदिग्ध में पिछले दिनों मंकी पॉक्स प्रभावित देश का भ्रमण किया था। उसके लौटने पर उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। इसलिए उसे एहतियातन भर्ती किया गया है।
सफदरजंग अस्पताल में भी दो संदिग्ध मरीज भर्ती हुए
अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि इस मामले में अभी वह कुछ नहीं कह सकते। कुछ दिन पहले सफदरजंग अस्पताल में भी दो संदिग्ध मरीज भर्ती हुए थे। लेकिन, जांच के बाद एक में हर्पीज और दूसरे में चिकनपॉक्स की पुष्टि हुई थी। उपचार के बाद दोनों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
बता दें कि 2022 में भी मंकी पॉक्स की लहर में भारत सहित कई देश प्रभावित हुए थे। तब से 116 देशों में इसके 99,176 मामले मिले हैं और 208 मौतें दर्ज की हैं। भारत में 2022 से मार्च 2024 के बीच मंकी पॉक्स के 30 मामले मिले थे। यह संक्रामक वायरल रोग है। इसके लक्षणों में दाने निकलना, फफोले बनना, बुखार शामिल है।
जानें कैसे होता है मंकी पॉक्स?
मंकीपॉक्स मुख्य रूप से किसी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ सीधे संपर्क से फैलता है। यह संक्रमित व्यक्ति के घावों या संक्रमित सामग्री से भी फैल सकती है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में यह सामने आया है कि मंकी पॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते तक रहता है। सामान्यतः मरीजों को सिर्फ सामान्य देखभाल की जरूरत होती है। इसके बाद वे ठीक हो जाते हैं।