Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Monkeypox in Delhi: दिल्ली के सरकारी अस्पताल में भर्ती मंकीपॉक्स का पहला मरीज, नजर नहीं आ रहे गंभीर लक्षण

Monkeypox Case in Delhi भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज मिला है। यह दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती है। मंत्रालय ने कहा कि इस समय लोगों के बीच संक्रमण फैलने का संकेत नहीं है। लोकनायक अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए 20 बेड का आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। मरीज जिस मंकीपॉक्स के जिस स्ट्रेन से संक्रमित है वो इमरजेंसी वाला नहीं है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 09 Sep 2024 11:26 PM (IST)
Hero Image
मंकीपॉक्स ने दिया दस्तक, एक युवक में बीमारी की हुई पुष्टि।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मंकीपॉक्स ने देश में दस्तक दे दिया है। दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती 26 वर्षीय मरीज में मंकीपॉक्स के पश्चिमी अफ्रीकन क्लेड-2 की पुष्टि हुई है। यह इस वर्ष दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला है। वह विदेश से यात्रा करके वापस आया है और उसकी हालत स्थिर है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि इस समय लोगों के बीच संक्रमण फैलने का संकेत नहीं है। इसलिए फिलहाल लोगों के स्वास्थ्य को जोखिम नहीं है लेकिन निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

मरीज के संपर्क में आने वालों की होगी पहचान

मंत्रालय ने लोगों के बीच संक्रमण की रोकथाम के लिए मरीज के संपर्क में आए लोगों की पहचान व निगरानी करने का निर्देश जारी किया है। वर्ष 2022 में भी मंकीपॉक्स का संक्रमण फैला था। तब 116 देशों में इसके 99,176 मामले आए थे और 208 मौतें हुई थीं। उस वर्ष भारत में मंकीपॉक्स के 30 केस सामने आए थे। तब दिल्ली में भी इसके कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन बीमारी ज्यादा नहीं फैली थी।

इमरजेंसी वाले स्ट्रेन से संक्रमित नहीं है ये मरीज

मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि यह मामला वर्ष 2022 में आए मंकीपॉक्स के मामलों की तरह ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स के क्लेड-1 स्ट्रेन को लेकर इस बार वैश्विक स्तर पर इमरजेंसी घोषित की है। इस बार जिस मरीज में बीमारी की पुष्टि हुई है, उसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा स्वास्थ्य इमरजेंसी घोषित स्ट्रेन नहीं मिला है।

मरीज को कोई गंभीर लक्षण नहीं

बताया जा रहा है कि मरीज को कोई गंभीर लक्षण नहीं है और पहले से कोई अन्य बीमारी भी नहीं है। प्रोटोकॉल के अनुसार मरीज का इलाज किया जा रहा है। लोकनायक अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए 20 बेड का आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है।

ये भी पढ़ें- एमपॉक्स पर केंद्र ने जारी किया कोरोना जैसा अलर्ट! एयरपोर्ट पर निगरानी; आइसोलेशन व कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग की सलाह

फिलहाल अस्पताल प्रशासन मरीज को लेकर चुप्पी साधे हुए है। डॉक्टर बताते हैं कि मंकीपॉक्स होने पर बुखार, शरीर पर लाल चकत्ते, त्वचा पर फफोले, दर्द, गले या शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन होने से लिम्फनोड्स बन जाते हैं।