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Karwa Chauth 2022 Moonrise Delhi NCR : चांद देखने के बाद दिल्ली-एनसीआर में महिलाओं ने खोला करवा चौथ का व्रत

2022 Moonrise Time Today Delhi NCR दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर में करवा चौथ का पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया गया। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के अन्य शहरों में महिलाओं ने चांद का दीदार करने के बाद अपना व्रत तोड़ा और इसी के साथ त्योहार का समापन हो गया।

By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 13 Oct 2022 08:51 PM (IST)
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करवा चौथ पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। फाइल फोटो।
नई दिल्ली/नोएडा/गुरुग्राम/फरीदाबाद, जागरण डिजिटल डेस्क। Karwa Chauth 2022 Moonrise Timing : करवा चौथ का व्रत कठिन रखने वाली सुहागिन महिलाओं का इंतजार बृहस्पतिवार रात साढ़े आठ बजे के बाद खत्म हो गया, जब चांद निकला। करवाचौथ का व्रत चांद के दीदार के साथ खत्म हो गया।

खत्म हुआ करवा चौथ का व्रत

बृहस्पतिवार को दिन भर उपवास के बाद रात को चांद का दीदार करने के बाद दिल्ली-एनसीआर की सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ का उपवास तोड़ा। पति के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए किया जाने वाला करवा चौथ का व्रत दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में मनाया गया।  

चांद देखकर महिलाओं ने तोड़ा करवा चौथ का व्रत

दिल्ली में चांद के नजर आने का समय रात 8 बजकर 09 मिनट था, लेकिन साढ़े आठ बजे के आसपास नजर आया। अपने पति की लंबी उम्र के लिए बेहद कठिन व्रत रखने वाली महिलाओं ने चांद देखने के बाद करवा चौथ का व्रत खोला।  

इससे पहले करवा चौथ पूजा का अच्छा मुहूर्त बृहस्पतिवार शाम को 5 बजकर 54 मिनट से शुरू हुआ जो 7 बजकर 09 मिनट तक ही था।  करवा चौथ पर्व पर देश ही दुनिया के कई हिस्सों में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए बेहद कठिन निर्जला उपवास रखा था, जो शाम के समय में शुभ मुहूर्त पर चंद्रमा देखने के बाद व्रत तोड़ा गया।

चांद के दीदार में मौसम नहीं बना रोड़ा

पिछले साल की तुलना में इस साल मौसम बिल्कुल साफ रहा।  ऐसे में चांद के दीदार की राह में इस बार मौसम की ओर से कोई दिक्कत नहीं आई। यह अलग बात है कि तय समय के बाद ही दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, सोनीपत, हापुड़, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में नजर आया। 

करवा चौथ व्रत पूजन मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त 4:41 सुबह से 5:31 था
  • अभिजित मुहूर्त- 11:44 सुबह से 12:30 था
  • विजय मुहूर्त- 2:03 दोपहर से 2:49 तक था
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम 5:42 से  6:06 तक था
  • अमृत काल- शाम 4:08 से से 5:50 था

करवा चौथ एक, लेकिन कहानियां अनेक

हिंदुओं के इस करवा चौथ त्योहार को लेकर कई तरह की कहानियां और मान्यताएं हैं। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि सभी कहानियां सत्य के बिल्कुल करीब लगती हैं। यह भी कहा जाता है कि सैकड़ों-हजारों वर्ष पहले जब सैनिक युद्ध के लिए घर से कई-कई महीने दूर रहते थे, तो उनकी पत्नियां यह व्रत रखती और पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती थीं। इसके साथ यह भी मान्यता है कि कारोबारी पति व्यापार के सिलसिले में अन्य राज्यों/देशों में यात्रा पर रहते थे तो उनकी पत्नियां यह कठिन व्रत रखकर अपनी पति की लंबी उम्र की कामना करती थीं।

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार करवाचौथ पूजा मुहूर्त शाम 05: 56 से 07:30 तक था। कृतिका/रोहिणी नक्षत्र में पूजा की गई। दरअसल, रोहिणी नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सभी से सौंदर्य व चंद्रमा का अत्यंत स्नेही नक्षत्र होने से करवाचौथ सौभाग्य के लिए विशेष सुखदायी माना जाता है। रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय रेवाड़ी समयानुसार 08:13 पर चंद्रोदय हुआ।

पूजन सामग्री की खरीदारी

इससे पहले बुधवार शाम तक करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए विशेष खरीदारी की गई। इस दिन पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए महिलाएं पूजा सामग्री पहले से जुटा लेती हैं। बुधवार देर शाम तक बाजारों में खरीदारी देखी गई। 

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