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दिल्ली में एक साल में 1.40 लाख से अधिक पुराने वाहन हुए स्क्रैप, इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति आने से बढ़ा आंकड़ा

दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति आने के बाद दिल्ली में पुराने वाहनों को स्क्रैप किए जाने का आंकड़ा बढ़ा है। दस्तावेज़ के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4923 वाहन स्क्रैप किए गए जबकि 2022-23 में दिल्ली भर में 140342 वाहन स्क्रैप किए गए। वित्त वर्ष 2022-23 में कम से कम 5495838 (54.95 लाख) अधिक उम्र वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया

By V K Shukla Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Fri, 12 Jan 2024 07:27 PM (IST)
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दिल्ली में एक साल में 1.40 लाख से अधिक पुराने वाहन हुए स्क्रैप
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति आने के बाद दिल्ली में पुराने वाहनों को स्क्रैप किए जाने का आंकड़ा बढ़ा है। इस नीति के तहत स्क्रैपिंग प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है। सांख्यिकी हैंडबुक-2023 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1.40 लाख से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप किया गया।

वहीं, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4,923 अपंजीकृत वाहनों को स्क्रैप किया गया। राष्ट्रीय राजधानी के सामाजिक-आर्थिक मापदंडों पर डेटा वाली हैंडबुक दिल्ली सरकार के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी की गई थी। दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति का लक्ष्य 2024 तक दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है, जिसे अगस्त 2020 में अधिसूचित किया गया था।

2021-22 में 4,923 वाहन स्क्रैप हुए

इस नीति के तहत स्क्रैपिंग प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है। नीति पिछले साल समाप्त हो गई, लेकिन इसे कई बार विस्तार दिया गया। इसे हाल ही में 31 मार्च तक विस्तार दिया गया था, क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2.0 अभी भी काम में है। दस्तावेज़ के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4,923 वाहन स्क्रैप किए गए, जबकि 2022-23 में दिल्ली भर में 1,40,342 वाहन स्क्रैप किए गए।

वित्त वर्ष 2022-23 में कम से कम 54,95,838 (54.95 लाख) अधिक उम्र वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 48,77,646 (48.77 लाख) अधिक उम्र वाले वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया था। दस्तावेज़ में कहा गया है कि 6,23,034 अपंजीकृत वाहनों ने 2022-23 में दूसरे राज्यों में स्थानांतरित होने के लिए परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लिया, जबकि 2021-22 में 83,240 वाहनों ने ऐसा ही किया।

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में क्रमशः 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आदेश का उल्लंघन कर चलने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। दस्तावेज़ में कहा गया है कि 2021-22 में दिल्ली में केवल दो इलेक्ट्रिक बसें थीं, लेकिन सड़कों पर नहीं चल रही थीं, जबकि अगले वित्त वर्ष में यह संख्या बढ़कर 300 हो गई, और 202 सड़कों पर थीं।

बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 2021-22 में 5702.20 लाख से बढ़कर 2022-23 में 9132.90 लाख हो गई। 2022-23 में 118 की तुलना में 2021-22 में 95 बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं। 2021-22 में 95 बसों में से 20 घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, जबकि चार बड़ी और 71 छोटी दुर्घटनाओं में शामिल थीं। अगले वित्तीय वर्ष में 36 बसें घातक दुर्घटनाओं में शामिल थीं, जबकि 10 घातक और 72 मामूली दुर्घटनाओं में शामिल थीं। आंकड़ों से पता चला है कि 2022-23 में 55 क्लस्टर बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं, जबकि 29 बसें घातक, 15 बड़ी और 11 छोटी दुर्घटनाएं हुईं।

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