AIIMS के आसपास से हर दिन गुजरते हैं एक लाख से ज्यादा वाहन, वायु प्रदूषण से बिगड़ रही दिल्लीवासियों की सेहत
सर्वे में यह भी सामने आया कि महात्मा गांधी रोड पर चार पहिया वाहन चलने की निर्धारित गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा है जबकि यातायात के भारी दबाव के कारण इस मार्ग पर वाहन 3.5 किमी प्रति घंटा से 50 किमी प्रति घंटा ही है। एम्स के गेट नंबर छह से गेट नंबर दो के बीच सबसे ज्यादा धीमा यातायात पाया गया।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 04 Jul 2023 09:23 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के 500 मीटर के दायरे में हुए एक सर्वे में हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं। एम्स के आसपास के मार्गों से हर दिन 1.31 लाख से अधिक वाहन गुजरते हैं। एम्स के आसपास अतिक्रमण व पार्किंग के कारण पूरे इलाके में भारी यातायात रहता है।
इस वजह से यहां से गुजरने वाले वाहन निर्धारित 60 किलोमीटर प्रति घंटा की गति सीमा से भी धीमे चलते हैं। इससे वायु प्रदूषण होता है, जिसका सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ता है।
स्कूल आफ प्लानिंग व आर्किटेक्चर (एसपीए) की ओर से हाल में एम्स के आसपास किए गए सर्वे में कुछ ऐसी स्थिति सामने आई है। एसपीए ने यह सर्वे वायु प्रदूषण की शिकायत पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से गठित की गई संयुक्त कमेटी के आदेश पर किया है।
एम्स के आसपास अतिक्रमण, पार्किंग व जाम के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर एनजीटी के आदेश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रशांत गर्गवा की अध्यक्षता में बैठक के बाद कमेटी ने इलाके का सर्वे एसपीए से कराने का निर्णय लिया था।
सर्वे में यह सामने आया कि एम्स के गेट नंबर-2 पर साउथ एक्सटेंशन फ्लाईओवर से सफदरजंग अस्पताल की तरफ 51 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं।
वाहनों में 46 प्रतिशत वाहन रहते हैं चार पहिया
इसमें से 32 प्रतिशत वाहन चार पहिया होते हैं। इस गेट पर यातायात का सर्वाधिक दबाव सुबह आठ से 11 बजे और अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक रहता है, वहीं दूसरी तरफ इस गेट पर सफदरजंग अस्पताल से साउथ एक्सटेंशन फ्लाईओवर की तरफ करीब 27,000 वाहन गुजरते हैं।
यहां पर सुबह 11 से दोपहर 12 बजे के बीच यातायात का सर्वाधिक दबाव रहता है। यहां से गुजरने वाले वाहनों में 46 प्रतिशत वाहन चार पहिया रहते हैं।साथ ही एम्स के गेट नंबर-3 के पास फुट ओवरब्रिज पर आइआइटी फ्लाईओवर की तरफ लगभग 29,000 वाहन गुजरते हैं। इसमें 48 प्रतिशत वाहन चार पहिया होते हैं।यहां पर यातायात का सर्वाधिक दबाव सुबह नौ बजे से 10 बजे के बीच होता है, वहीं अरबिंदो मार्ग पर किए गए सर्वे में करीब 24,000 वाहन गुजरते हैं और इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों में सर्वाधिक 46 प्रतिशत वाहन चार पहिया हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।एमजी व रिंग रोड पर तय गति सीमा से भी धीमे चलते हैं वाहन
सर्वे में यह भी सामने आया कि महात्मा गांधी रोड पर चार पहिया वाहन चलने की निर्धारित गति सीमा 60 किमी प्रति घंटा है, जबकि यातायात के भारी दबाव के कारण इस मार्ग पर वाहन 3.5 किमी प्रति घंटा से 50 किमी प्रति घंटा ही है। एम्स के गेट नंबर छह से गेट नंबर दो के बीच सबसे ज्यादा धीमा यातायात पाया गया। सर्वे में इसका संभावित कारण एम्स के गेट नंबर-2 के सामने बस स्टाप को बताया गया है, क्योंकि वहां पर बस रुकने के बाद थोड़ा दाहिनी तरफ एमजी रोड रिंग रोड पर जाती है, वहीं कुछ वाहन अरबिंदो मार्ग पर जाने के लिए बाएं जाते हैं।सर्वे के दौरान महात्मा गांधी व रिंग रोड की सड़कें टूटी मिलीं और कुछ क्षेत्र में इसके मरम्मत करने की जरूरत है। इसके साथ ही सर्विस रोड के किनारों पर भारी धूल है और वाहनों के गुजरने पर धूल के कण हवा में मिलते हैं।ये हैं महत्वपूर्ण बातें
- एम्स के दक्षिण व दक्षिण पूर्व में सर्वाधिक हाट स्पाट हैं। यहां सर्वाधिक गतिविधि होने के साथ ही अतिक्रमण व पार्किंग की समस्या है। पार्किंग व अव्यावहारिक गतिविधियों के प्रबंधन को प्राथमिक तौर पर ठीक करने की जरूरत है।
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान मेट्रो स्टेशन और एम्स के गेट नंबर-एक के पास पार्क होने वाले आटो रिक्शा के कारण वहां से गुजरने वाले वाले वाहन व फुटपाथ पर चलने वालों को परेशानी के साथ ही एमजी व रिंग रोड से आने वाले वाहनों की सुरक्षा का खतरा होता है।
- 19 मई को किए सर्वे के तहत एम्स के गेट नंबर एक, तीन, छह और आठ नंबर गेट से कुल 18,011 वाहन एम्स के अंदर आए और इन चार गेट से 14,580 वाहन बाहर गए।संभव है कि शेष 3,431 वाहन गेट नंबर-दो से बाहर गए। l एम्स के अंदर प्रवेश करने वाले वहनों में सर्वाधिक 36 प्रतिशत वाहन दो पहिया हैं, जबकि 29 प्रतिशत कार और 26 प्रतिशत आटोरिक्शा हैं।
यातायात पुलिस के लिए सुझाव
- ज्यादा यातायात वाले क्षेत्र की पहचान कर यातायात पुलिस तत्काल उचित कदम उठाए।
- एम्स के अंदर अधिक यातायात के दबाव वाले इलाके की एम्स प्रशासन पहचान करे।
- एम्स और दिल्ली पुलिस एक्शन प्लान दाखिल करे।
- चांदनी चौक की तरह एम्स के आसपास के क्षेत्र के लिए स्मार्ट स्ट्रीट परियोजना बनाई जाए।
- एम्स के 500 मीटर की परिधि में हुए अतिक्रमण की निगम और पीडब्ल्यूडी पहचान करे और इसकी बैरिकेडिंग करके भविष्य में अतिक्रमण को रोका जाए।
- एम्स के चारों तरफ ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए एम्स प्रशासन पीडब्ल्यूडी, निगम समेत अन्य एजेंसियों से समन्वय स्थापित करे। डीपीसीसी को नए एम्स कैंपस के पुनर्विकास के मामले को देखने का सुझाव।