Cyber Crime: ई-मेल और फिशिंग से हो रहे सर्वाधिक साइबर हमले, घरेलू साइबर सुरक्षा बाजार में हुई तीव्र वृद्धि
डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी इंडिया साइबर सिक्योरिटी डोमेस्टिक मार्केट रिपोर्ट-2023 के अनुसार भारतीय साइबर सुरक्षा बाजार की 2028 तक वैश्विक हिस्सेदारी पांच प्रतिशत तक हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटलीकरण और एज कंप्यूटिंग एआइ जैसी उभरती तकनीकों की बढ़ती मांग के बीच घरेलू साइबर सुरक्षा बाजार में वर्ष 2020 से 2022 के बीच तीव्र वृद्धि दर्ज हुई है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। डाटा सिक्योरिटी काउंसिल आफ इंडिया (डीएससीआइ) की रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक साइबर हमले ई-मेल और फिशिंग के जरिये हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटलीकरण और एज कंप्यूटिंग, जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) जैसी उभरती तकनीकों की बढ़ती मांग के बीच घरेलू साइबर सुरक्षा बाजार में वर्ष 2020 से 2022 के बीच तीव्र वृद्धि दर्ज हुई है।
डीएससीआइ द्वारा जारी इंडिया साइबर सिक्योरिटी डोमेस्टिक मार्केट रिपोर्ट-2023 के अनुसार भारतीय साइबर सुरक्षा बाजार की 2028 तक वैश्विक हिस्सेदारी पांच प्रतिशत तक हो जाएगी, जो इस समय तीन प्रतिशत है। डीएससीआइ के सर्वेक्षण में शामिल 75 प्रतिशत संस्थानों ने कुशल पेशेवरों की कमी को बड़ी चुनौती माना है।
साइबर हमलों में वृद्धि हो रही है
जिस तरह से साइबर हमलों में वृद्धि हो रही है और नियमन की प्रक्रिया को सख्त किया जा रहा है, उसे देखते हुए बीएफएसआइ (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्योरेंस) व आइटी/आइटीईएस (सूचना एवं संबंधित प्रौद्योगिकी) क्षेत्र साइबर सुरक्षा के लिए सर्वाधिक खर्च कर रहे हैं।प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने में खर्चा बढ़ा
साल 2019 से 2023 के बीच नई तकनीकों को लागू करने की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए इन क्षेत्रों में क्रमश: 35 और 36 प्रतिशत खर्च बढ़ाया गया है। वैश्विक स्तर पर बात करें, तो डाटा सेंध, डाटा चोरी, डिजिटल सेवाओं में व्यवधान को रोकने और सूचना सुरक्षा एवं जोखिम प्रबंधन के लिए वैश्विक खर्च 2022 से मुकाबले 169 अरब डालर से बढ़कर 188 अरब डालर पहुंच गया है। गार्टनर के अनुसार, साल-दर-साल के हिसाब से क्लाउड सिक्योरिटी में 25.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। वहीं डाटा निजता और डाटा सुरक्षा में यह वृद्धि दर क्रमश: 18.5 और 20.1 प्रतिशत रही।
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