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दिल्ली हादसा: क्यों गई मां-बेटे की जान? सामने आई बड़ी लापरवाही, घर का इकलौता चिराग था प्रियांशु

Delhi News पूर्वी दिल्ली में नाले में डूबने से हुई मां-बेटे की मौत के मामले में सिविक एजेंसियों की लापरवाही सामने आई है। बुधवार को अधिक वर्षा होने के दौरान महिला अपने मासूम बच्चे के साथ नाले में डूब गई थी। पुलिस द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों के शव एक साथ मिले थे। बच्चा अपनी मां की गोद में ही था।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Thu, 01 Aug 2024 07:46 PM (IST)
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दिल्ली में सिविक एजेंसियों की लापरवाही की वजह से मां-बेटे की मौत हुई थी। जागरण फोटो

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के गाजीपुर में सिविक एजेंसियों की लापरवाही ने दो जिंदगियां लील ली। दिल्ली में बुधवार को सर्वाधिक मयूर विहार में 142 एमएम वर्षा हुई थीं, इतनी वर्षा हुई जितनी बादल के फटने पर होती है। इस वर्षा से गाजीपुर में पानी भर गया था, सड़क व नाले दिखाई नहीं दे रहे थे।

15 फुट गहरे नाले में गिर गए थे मां-बेटा

वहीं, खोड़ा कॉलोनी निवासी तनुजा बिष्ट अपने तीन वर्षीय बेटे प्रियांशु को गोद में लेकर साप्ताहिक बाजार से घर जा रही थीं। जलभराव के कारण वह 15 फुट गहरे डीडीए के खुले नाले को देख नहीं सकीं और वह बच्चे समेत उसमें डूब गईं। उन्हें बचाने के चक्कर में महिला की रिश्तेदार पिंकी भी नाले में गिर गई थीं, उन्हें मौके पर मौजूद लोगों ने बचा लिया।

करीब 150 मीटर दूर मिले थे दोनों के शव

वहीं, मां-बेटे को बचाने के लिए चार घंटे तक साहिबाबाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन चलाया। लेकिन जहां वह दोनों गिरे थे, वहां से करीब 150 मीटर दूर जाकर एक साथ दोनों के शव मिले। बच्चा महिला की गोद में ही मिला। गाजीपुर थाना पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में प्राथमिकी की है।

मूलरूप से उत्तराखंड के रानीखेत स्थित भटकोट गांव के रहने वाले गोविंद बिष्ट परिवार के साथ गाजीपुर से सटे खोड़ा कॉलोनी में ससुर के मकान में रहते हैं। परिवार में पत्नी तनुजा व इकलौता बेटा प्रियांशु, पिता गिरधर व तीन भाई हैं। उनका एक भाई सेना में है।

पिंकी ने की थी दोनों को बचाने की कोशिश

गोविंद ने बताया कि खाेड़ा कॉलोनी के पास मयूर विहार फेज-तीन में बुधवार को साप्ताहिक बाजार लगता है। शाम साढ़े पांच बजे उनकी पत्नी व बेटा पड़ोस में रहने वाली रिश्तेदार पिंकी और उसके नौ वर्ष के बेटे के साथ बाजार गई थीं। उसी दौरान तेज वर्षा होने लगी। कुछ ही देर में सड़कों पर भलराव हो गया। उनकी पत्नी बच्चे को लेकर करीब साढ़े सात बजे घर लौट रही थी, सड़क पर जलभराव था।

इस दौरान पता नहीं चल रहा था कहां पर सड़क है कहां पर नाला है। जब वह खोड़ा कॉलोनी के नजदीक डीडीए के नाले के पास पहुंची तो उनकी पत्नी बच्चे को लेकर सीधे नाले में जा गिरीं। उन्हें बचाने के लिए पिंकी ने कोशिश की तो महिला व उसका बेटा उनकी आंखों से औझल हो गए। बचाने के चक्कर में पिंकी भी नाले में गिर गईं, उन्हें लोगों ने बचा लिया।

साहिबाबाद पुलिस ने चलाया सर्च ऑपरेशन

जिस जगह हादसा हुआ है वह दिल्ली व यूपी का बॉर्डर है। साहिबाबाद पुलिस को रात 8:20 बजे हादसे की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। नाला गहरा था, पुलिस को बुलडोजर मंगवाना पड़ा। कई जगह से नाले के स्लैब को तोड़ना पड़ा। करीब चार घंटे तक ऑपेरेशन चला, जहां वह दोनों डूबे थे, उससे डेढ़ सौ मीटर दूर दोनों के शव मिले।

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पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिए शव

पुलिस ने दोनों को एलबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल से वारदात की सूचना गाजीपुर थाना पुलिस को दी गई, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी की। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिए हैं।

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केस दर्ज कर लिया है। पता लगाया जा रहा है नाला किस विभाग का है और किसकी गलती की वजह से यह हादसा हुआ है। - अपूर्वा गुप्ता, पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त

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