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Delhi: सफदरजंग अस्पताल के आइसीयू में नवजात के साथ रह सकेंगी माताएं, शुरू हुआ 15 बेड का मातृ-NICU

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने इस सुविधा का शुभारंभ किया। उन्होंने दवा किया देश में पहली बार किसी अस्पताल में नवजात बच्चों के कंगारू केयर के लिए इस तरह की सुविधा शुरू की गई है। अब जन्म के बाद बीमार नवजात के साथ माताएं भी साथ रह सकेंगी।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 08 Aug 2023 09:28 AM (IST)
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Delhi: सफदरजंग अस्पताल के आइसीयू में नवजात के साथ रह सकेंगी माताएं

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। सफदरजंग अस्पताल में सोमवार को 15 बेड का मातृ-एनआइसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) शुरू हुआ। जहां जन्म के बाद बीमार नवजात के साथ माताएं भी साथ रह सकेंगी और अपने बच्चे को सीने से लगाकर देखभाल कर सकेंगी।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल और सफदरजंग अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वंदना तलवार ने इस सुविधा का शुभारंभ किया। उन्होंने दवा किया देश में पहली बार किसी अस्पताल में नवजात बच्चों के कंगारू केयर के लिए इस तरह की सुविधा शुरू की गई है।

अस्पताल का कहना है कि सामान्य तौर पर बीमार नवजात को एनआइसीयू में भर्ती करने पर मां को वहां साथ नहीं रहने दिया जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि साथ रहने से संक्रमण का खतरा रहता है। लेकिन सफदरजंग अस्पताल में किए गए एक शोध में वह मान्यता गलत पाई गई थी।

शोध में पाया गया था कि यदि एनआइसीयू में नवजात के साथ मां को रहने दिया जाए और यदि वह अपने बच्चे को अपने साथ रखे तो गंभीर नवजात बच्चों की मृत्यु दर एक चौथाई कम हो जाती है।

बच्चे को ठंड लगने के मामले 35 प्रतिशत और संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। इसके मद्देनजर नई सुविधा शुरू की गई जहां एनआइसीयू में माताएं 24 घंटे अपने नवजात बच्चे के साथ रह सकेंगी।