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Kisan Andolan: 24वें दिन सिंघु बॉर्डर पर आज घटी प्रदर्शनकारी किसानों की संख्या

उधर शुक्रवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों के आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि केंद्रय सरकार को नए साल से पहले किसानों के मुद्दे का समाधान हो जाने की उम्मीद है।

By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 03:39 PM (IST)
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केंद्र सरकार के बीच आधा दर्जन से भी अधिक बार बैठक हो चुकी है।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसानों का सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसान आंदोलन शनिवार को 24वें दिन में प्रवेश कर गया। वहीं, सिंघु बॉर्डर पर धीरे-धीरे प्रदर्शनकारियों की संख्या घटने लगी है। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को काफी कम संख्या में प्रदर्शनकारी सिंघु बॉर्डर पर मौजूद हैं। वहीं, यहां पर जमा प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दिन चढ़ने के साथ ही प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा होना शुरू हो जाएगा।दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी किसान सोलर पैनल से फ़ोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज कर रहे हैं। अमृत सिंह ने बताया, "सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फ़ोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वो हमारी मांग तो मान नहीं रही।"

इस बीच सिंघु के अलावा टीकरी, दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद में भी किसानों का प्रदर्शन जारी है। धरना-प्रदर्शन पर बैठे हजारों किसान तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। इससे पहले किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच आधा दर्जन से भी अधिक बार बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नताजा नहीं निकला है।  उधर, शुक्रवार को नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संघों के आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि केंद्रय सरकार को नए साल से पहले किसानों के मुद्दे का समाधान हो जाने की उम्मीद है। सरकार ने गतिरोध दूर करने के लिए विभिन्न किसान संगठनों के साथ अपनी अनौपचारिक वार्ता जारी रखी है।

इसी के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने औपचारिक वार्ता पर आंदोलनरत किसानों के साथ गतिरोध जारी रहने के बीच यह बात कही है। किसान संगठनों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार करने से मना कर दिया है। इस बीच उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसानों के कंधों पर बंदूक रख कर चलाने वालों से बात करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया और उन पर आरोप लगाया कि वे सुधार प्रक्रिया पर अपने रुख में बदलाव कर रही हैं तथा मुद्दे को राजनीतिक रंग दे रही हैं।

वहीं, नरेंद्र सिंह तोमर ने विशेष भेंट में कहा कि सरकार लिखित में यह आश्वासन देने को तैयार है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा मंडी प्रणाली जारी रहेगी। तोमर खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ करीब 40 किसान संगठनों से बातचीत में केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं। 

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