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Murders In Tihar Jail: दिल्ली की तिहाड़ जेल में खूनी खेल का इतिहास, हो चुकी है कई कैदियों की हत्या

तिहाड़ जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की ऐसी कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले अप्रैल माह के दूसरे हफ्ते में जेल संख्या तीन में बंद प्रिंस तेवतिया की हत्या हो चुकी है। प्रिंस कुख्यात बदमाश लारेंस बिश्नोई गैंग से मिला था।

By Shyamji TiwariEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Sun, 07 May 2023 06:04 PM (IST)
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दिल्ली के तिहाड़ जेल में खूनी खेल का इतिहास
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाती है। यह देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक जेल है। जानकारी के मुताबिक, तिहाड़ जेल में चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। दिल्ली की जेलों में सुरक्षा के लिहाज से जेल के वार्डों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें जनरल वार्ड, स्पेशल सिक्योरिटी वार्ड व हाई रिस्क सिक्योरिटी वार्ड शामिल हैं। कुल 975 कैमरों से जेल की निगरानी हो रही है। साथ ही 80 अधिकारियों के अलावा एक हजार से अधिक जेल कर्मी तैनात हैं।

टिल्लू ताजपुरिया की जेल में हत्या

सबसे सुरक्षित जेलों में से एक तिहाड़ जेल में 2 मई को तिहाड़ जेल की संख्या-9 में कुछ लोगों ने रोहिणी कोर्ट शूटआउट के आरोपी गैंगस्टर सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया पर सुए से हमला कर दिया था। करीब 4 लोगों ने टिल्लू ताजपुरिया पर सुए से 92 वार किए। इसके बाद उसे डीडीयू अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

प्रिंस तेवतिया की तिहाड़ में हत्या

2 मई को जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद जेल प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। साथ ही तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था भी सवालों के घेरे में है कि आखिर कैसे इतनी सुरक्षित जेल में इस तरह की घटना हुई है। तिहाड़ जेल के अंदर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की ऐसी कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले अप्रैल माह के दूसरे हफ्ते में जेल संख्या तीन में बंद प्रिंस तेवतिया की हत्या हो चुकी है। प्रिंस कुख्यात बदमाश लारेंस बिश्नोई गैंग से मिला था।

दुष्कर्म के मामले बंद कैदी का मर्डर

हाई सिक्योरिटी जोन में 29 जून 2020 को दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे कैदी मोहम्मद मेहताब की हत्या कर दी गई। जेल अधिकारियों ने वारदात को अंजाम देने वाले कैदी और मृतक के बीत पुरानी दुश्मनी की बात बताई थी। मोहम्मद मेहताब (27) था। वह 2014 में अंबेडकर नगर के एक दुष्कर्म केस में दोषी पाए जाने के बाद से जेल नंबर 8/9 में बंद था। उसने किसी नुकीली चीज से मेहताब की गर्दन, पेट और सीने में कई बार किए।

2020 में 30 नवंबर को एक मामूली विवाद में अंडर ट्रायल कैदी दिलशेर की हत्या धारदार चीज से मौत के घाट उतार दिया गया था। जेल संख्या 3 में ही रहने वाले 3 कैदियों ने दिलशेर के ऊपर जानलेवा हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौत हो गई।

इसके बाद 14 मई 2021 को कैदियों ने मिलकर श्रीकांत की हत्या कर दी थी। श्रीकांत उर्फ पप्पू तिहाड़ जेल में हत्या चोरी आदि के मामले में 2015 में बंद हुआ था। वह जेल नंबर 2 में था। उसे कुछ कैदियों ने हमला करके घायल कर दिया था। इसके बाद उसे तुरंत डीडीयू अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था।

अंकित गुर्जर की तिहाड़ में हत्या

अगस्त 2021 में कई हत्याओं और डकैती में शामिल अंकित गुर्जर की भी तिहाड़ जेल में हत्या कर दी गई थी। 4 अगस्त 2021 में अंकित गुर्जर की सेल नंबर-3 में पीट-पीटकर हत्या हुई थी। ये खुलासा गवाहों के बयानों से हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि अंकित के शरीर पर चोटों के 12 से ज्यादा निशान थे।

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