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Delhi News: यमुना में पूजा सामग्री व मूर्ति के साथ बहाए जा रहे NGT के आदेश, घाट पर इकट्ठा हुआ कचरा

एनजीटी के आदेश के बावजूद दिल्ली में यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन और पूजा सामग्री को बहाया जा रहा है। इसके चलते घाट किनारे दूर तक पूजा सामग्री कचरे के रूप में इकट्ठा है। उसे देखकर लग रहा है कि एक हफ्ते से इन कचरों की भी सफाई नहीं हुई है। लोगों को विसर्जन न करने को लेकर जागरूक करने को लेकर घाट पर बैनर भी नहीं लगाए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Wed, 27 Sep 2023 04:29 PM (IST)
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यमुना में पूजा सामग्री व मूर्ति के साथ बहाए जा रहे NGT के आदेश
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। यमुना में पूजा सामग्री व मूर्ति के साथ एनजीटी के आदेश भी बहाए जा रहे हैं। गणेश चतुर्थी को धूमधाम और भक्तिभाव से मनाने के बाद भक्त अब भगवान गणेश की मूर्तियों को विसर्जित कर रहे हैं। आईटीओ स्थित घाट से यमुना नदी में खुलेआम मूर्तियों के साथ ही पूजा सामग्रियों का भी विसर्जन किया जा रहा है।

घाट पर नहीं तैनात कोई कर्मी

हैरानी की बात यह कि भक्तों को ऐसा करने से रोकने के लिए एक भी कर्मी तैनात नहीं है और न ही यमुना घाट किनारे कोई कृत्रिम घाट बना हुआ है, जहां भक्त मूर्तियों के साथ पूजा सामग्रियों का विसर्जन कर सकें। ऐसे में लोग यहां सीधे यमुना में मूर्तियों तथा पूजा सामग्री का विसर्जन कर रहे हैं।

कचरे के रूप में इकट्ठा हो रही पूजा सामग्री

इसके चलते घाट किनारे दूर तक पूजा सामग्री कचरे के रूप में इकट्ठा है। उसे देखकर लग रहा है कि एक हफ्ते से इन कचरों की भी सफाई नहीं हुई है। वैसे, विकास मार्ग से घाट की ओर बढ़ने पर दिल्ली पुलिस की बैरिकेट्स लगी हुई है, जिससे कोई वाहन आगे घाट पर न जाए, लेकिन वहां कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं है।

ऐसे में लोग वहां गाड़ी रोककर आगे पैदल ही मूर्ति विसर्जन के लिए बढ़ जा रहे हैं। इसी तरह, लोगों को विसर्जन न करने को लेकर जागरूक करने को लेकर घाट पर बैनर भी नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में कुछ किशोर 50 से 100 रुपये लेकर यमुना में मूर्ति का विसर्जन कर दे रहे हैं।

यमुना में मूर्ति विसर्जन पर 50 हजार का जुर्माना

मूर्ति विसर्जित करने आए आकाश ने कहा कि उन्हें यहीं अंदाजा था कि यहां कृत्रिम घाट बनाए गए होंगे। इसलिए मूर्ति लेकर आ गए। अब मजबूरी में यमुना में विसर्जन कर जा रहे हैं। एनजीटी ने एक आदेश में यमुना में मूर्ति विसर्जन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा रखा है।

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साथ ही विसर्जन के लिए घाटों पर कृत्रिम घाट बनाने को कहा है, लेकिन यह दोनों आदेश आईटीओ घाट पर नहीं दिखे। जानकारों के मुताबिक कमोबेश इस तरह की स्थिति यमुना के बाकि घाटों की भी है। जहां से मूर्तियों का विसर्जन हो रहा है।

बनाए गए हैं 120 से अधिक कृत्रिम घाट

वैसे, पूरी दिल्ली में स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन द्वारा करीब 120 कृत्रिम घाट बनाए गए हैं। पूर्वी दिल्ली के गीता कालोनी में बने एक ऐसे ही पार्क में भक्त श्रद्धाभाव से मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। नई दिल्ली, मध्य दिल्ली में भी विभिन्न इलाकों में कृत्रिम घाट बनाए गए हैं।

इसी तरह कई भक्त घर में ही पानी भरे टब में मूर्ति का विसर्जन कर रहे हैं। वहीं, कई भक्त विसर्जन के लिए हापुड़ में गढमुक्तेश्वर भी जाने की तैयारी में हैं। इसके लिए टेंपो की बुकिंग भी की जा रही है। 

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