दिल्ली के कनॉट प्लेस में शुरू हुआ म्यूजियम ऑफ इल्यूजन, जानें खासियत
मायावी संग्रहालय यहां आने वाले लोगों की दिमाग की बत्ती जला दे रहा है। भ्रमजाल ऐसा रचा गया है कि सीधी पुल के भी घूमने और खुद के गिरने का एहसास होता है। बराबर की रेखाएं भी छोटी-बड़ी नजर आती है। थ्रीडी पेंटिंग मूर्ति होने का एहसास कराता है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 08:15 AM (IST)
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। पर्यटकों को राष्ट्रीय राजधानी में मनोरंजन का एक और स्थान मिला है। कनॉट प्लेस में "म्यूजियम ऑफ इल्यूजन'' खुला है। यह मायावी संग्रहालय यहां आने वाले लोगों की दिमाग की बत्ती जला भी दे रहा है। इसमें ऐसा भ्रमजाल ऐसा रचा गया है कि सीधी पुल के भी घूमने और खुद के गिरने का एहसास होता है। बराबर की रेखाएं भी छोटी-बड़ी नजर आती है। थ्रीडी पेंटिंग मूर्ति होने का एहसास कराता है।
"म्यूजियम ऑफ इल्यूजन'' एक वैश्विक संग्रहालय है। यह दुबई, न्यूयार्क, टोरंटो, पेरिस व इंस्तांबुल समेत विश्व के 15 शहरों में पहले से मौजूद है। इसकी शुरुआत क्रोएशिया से वर्ष 2015 में हुई थी। भारत में इसका पहला संग्रहालय कनाट प्लेस में खुला है। इसे वैज्ञानिक आधार पर तैयार किया गया, लेकिन इसमें 60 से अधिक प्रदर्शनियां इस तरह की है कि दिमाग में भ्रम होने का एहसास होता है। सोचते कुछ और हैं, होता कुछ और है।
इस बारे में संग्रहालय के महाप्रबंधक कुलदीप शर्मा ने कहा कि यह संग्रहालय दर्शकों को विशेष अनुभूति देता है, जो पहले नहीं हुआ होता है। इसमें 60 तरह की प्रदर्शनियां लगाए गए हैं, जिससे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक को आकर्षित कर रहा है। यह पूरी तरह से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है और हर प्रदर्शनी के बारे में इसकी जानकारी भी दी गई है कि देखने वालों को भ्रम और रोमांच का एहसास क्यों हो रहा है। यह एक प्रकार से शैक्षणिक संग्रहालय है, जो कलात्मक तरीके से पेश किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण इसे खुलने में देरी हुईं। इसके निर्माण के साथ ही लॉकडाउन लग गया। पिछले वर्ष नवंबर से फिर से निर्माण कार्य शुरू हुआ। इसे तैयार करने के लिए क्रोएशिया से टीम और सामान आए थे। अन्यथा यह पिछले साल से ही दिल्ली वालों का मनोरंजन करता। बुधवार को इसका उद्घाटन हुआ है।
वैसे, यह कनाट प्लेस के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों के लिए इस संग्रहालय का खुलना सुखद संकेत है। कोरोना के चलते कई माह से बंद चल रहे देश में पहले मैडम तुसाद संग्रहालय ने यहां से अपना बाेरिया बिस्तर समेट लिया था। कुलदीप शर्मा ने कहा कि अब कोरोना की स्थिति में काफी हद तक सुधार आया है। इसको ध्यान में रखते हुए इसे खोला गया है।
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