Move to Jagran APP

CAA Protest: मुसलमानों ने कहा- नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर बरगलाए गए थे, अब समझ आया कानून

हाल ही में लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिजा बदली नजर आ रही है। मंगलवार दोपहर दो बजे जाफराबाद की तंग गलियों में रमजान की रौनक देखने को मिली। सीलमपुर में सीएए को लेकर बातचीत में मुस्लिम नागिरिकों ने बताया कि वह पहले नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर बरगलाए गए थे लेकिन अब उन्हें कानून समझ आ गया है।

By SHUZAUDDIN SHUZAUDDIN Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 20 Mar 2024 08:31 AM (IST)
Hero Image
CAA Protest: मुसलमानों ने कहा- नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर बरगलाए गए थे
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। मंगलवार दोपहर दो बजे जाफराबाद की तंग गलियों में रमजान की रौनक देखने को मिली। गलियों में टोपी पहने बच्चे खेल रहे थे। दुकानों पर लोग खरीदारी करने में जुटे थे। दुकानों पर इफ्तार के लिए तले जा रहे पकौड़ों की महक लोगों को अपनी तरफ खींच रही थी।

अब बदली फिजा...

जोहर की नमाज पढ़कर बाब- उल-उलूम मदरसे से नमाजी निकले। तभी सड़क से अर्धसैनिक बल के जवान चहलकदमी करते हुए गुजरे। एक बच्चे ने अपने पीता से पूछ लिया अब्बू इतनी पुलिस क्यों है क्या फिर से कुछ होने वाला है। उसके पिता मुस्कुराए और जवाब दिया देश में नागरिकता संशोधन कानून सीएए लागू हुआ है। इसबार इसको लेकर कुछ नहीं होगा। फिजा बदल चुकी है।

जाफराबाद में वर्ष 2020 में हुए थे दंगे

यकीन कर पाना मश्किल हो रहा था कि यह वही जाफराबाद है, जहां वर्ष 2020 में दंगे हुए। चार वर्षों में यहां माहौल बिल्कुल जुदा हो चुका था। सीएए लागू होने के बाद यहां कोई हलचल नहीं। सब अपनी इबादत और कार्य में व्यस्त दिखे।

दुकानदार और ग्राहक सीएए पर कर रहे थे चर्चा

जागरण रिपोर्टर ने सीएए को लेकर लोगों के मन को टटोला। सीलमपुर उत्तर पूर्वी जिले की सबसे बड़ी मार्केट है। कुर्ते पाजामे के कपड़े की दुकान पर रिपोर्टर गया। यहां दुकानदार और चार ग्राहक सीएए को लेकर चर्चा कर रहे थे। एक बोला अरे भाई जिस कानून को लेकर दंगे हुए वो तो कुछ और ही निकल। उसके पास बैठा दूसरा बोला कुछ और कैसे।

पहले वाले ने उसे जवाब पकड़ाते हुए कहा यह कानूनी नागरिकता देने वाला है, छिनने वाला नहीं है। दुकानदार ने भी चुटकीं लेते हुए पूछ लिया भाई फिर दंगे हुए क्यों थे। इसपर तीन लोग बोले लोगों की नासमझी की वजह से हुए थे। जिसमें 53 मासूम मारे गए।

'गैर मुस्लिम लोगों को नागरिकता देने वाला कानून'

शाम को नूर ए इलाही में कुछ लोग सड़क पर खड़े हुए थे। वह लोग चर्चा कर रहे थे कि मुसलमानों को सीएए के नाम पर बरगलाया गया था। डर उनके दिलों में बैठाया गया था कि उन्हें देश के बाहर कर दिया जाएगा। जब कानून लागू हुआ तो पता चला यह किसी की नागरिकता छिनने वाला नहीं, बल्कि पड़ोसी तीन देश के गैर मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता देने वाला है। दंगे के चार वर्षों बाद यहां के लोगों की सोच में बहुत बदलाव आया है।

सीलमपुर में सीएए को लेकर हुए धरने में शामिल आसमा खान ने बताया कि वह जब धरने में जाती थी तो उन्हें असम के वीडियो दिखाए जाते थे। बताया जाता था कि असम से मुसलमानों को निकाला जा रहा है।

सीएए लागू होते ही पूरे देश के मुसलमानों को बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन जब चीजों को अच्छे से समझा तो पता चला इस कानून से मुस्लिमों का कोई लेना देना नहीं है। उस वक्त माहौल ऐसा बनाया गया था कि मुस्लिम सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें।

आठ जगह हुए थे धरने प्रदर्शन

जनवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले में श्रीराम कालोनी, चांद बाग, शास्त्री पार्क, कबीर नगर, सीलमपुर, नंद नगरी, नूर ए इलाही, ब्रजपुरी में सीएए को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया था। एक माह से अधिक तक तक लोगों ने सड़कों के किनारे कब्जा जमा कर रखा था। जाफराबाद रोड पर कुछ-कुछ दूरी पर तीन जगह धरने हुए थे। लोगों का कहना है कि दिल्ली पुलिस समेत अन्य विभागों का खुफिया तंत्र पूरी तरह से विफल रहा था।

सीएए पर क्या बोले लोग?

वामपंथी संगठनों ने मुसलमानों से कहा था कि सीएए कानून लागू होते ही भारत के मुसलमानों को देश से बाहर कर दिया जाएगा। इस कानून से सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को होगा। जब यह कानून लागू हुआ और इसके बारे में पढ़ा तो वैसा बिल्कुल नहीं था, जैसा माहौल वर्ष 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में बनाया गया था। भारत हमेशा उदारवादी रहा है, यह तो अच्छी बात है कि पड़ोसी देश के गैर मुस्लिमों को अपने यहां नागरिकता दी जा ही है।

शमीम आलम, नूर ए इलाही।

दंगे ने लोगों को ताेड़कर रख दिया। लोग बर्बाद हो गए। सरकार अगर वर्ष 2020 में सीएए को लेकर लोगों के बीच पहुंच जाती तो बहुत सी चीजे बदल सकती थी। सीएए से मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है। चंद लोगों ने अपनी सियासत के चक्कर में दंगे करवाए थे।

-हाजी बाबू, सुभाष मोहल्ला।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।