Driest August: अगस्त में टूटा सर्वाधिक वर्षा वाले माह का मिथक, 2006 के बाद दूसरा सबसे कम बारिश वाला रहा महीना
Driest August इस बार अगस्त के मौसम ने कई उतार-चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा गया तो तापमान एक दशक में सबसे ज्यादा रहा। वर्षा सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर अलनीनो वर्ष और जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं। जून से सितंबर तक मानसून के चार महीने में जुलाई और अगस्त सर्वाधिक बरसात वाले माह होते हैं।
By sanjeev GuptaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 01 Sep 2023 10:33 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। देश में ही नहीं, दिल्ली में भी इस बार अगस्त के मौसम ने कई उतार-चढ़ाव देखे। सावन का महीना सूखा गया। वहीं, तापमान एक दशक में सबसे ज्यादा रहा। वर्षा सामान्य स्तर तक भी नहीं पहुंच पाई। मौसम विज्ञानी इसके लिए सीधे तौर पर अलनीनो वर्ष और जलवायु परिवर्तन को ही बड़ा कारण मान रहे हैं।
जून से सितंबर तक मानसून के चार महीने में जुलाई और अगस्त सर्वाधिक बरसात वाले माह होते हैं। जुलाई में तो खैर अच्छी वर्षा हुई लेकिन इस वर्ष यह मिथक टूट गया। कहने को अब तक इस मानसून सीजन में हुई कुल वर्षा 774 मिमी के वार्षिक कोटे को पार कर चुकी है, लेकिन अगस्त में सामान्य वर्षा भी नहीं हुई।
महज 11 दिन ही बरसे बादल
233.1 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन केवल 91.8 मिमी हुई, यानी 61 प्रतिशत कम। बादल भी पूरे महीने में 11 दिन ही बरसे। वर्ष 2022 में इससे भी कम 41.6 मिमी, यानी 82 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी। अगस्त 2006 में 98.0 मिमी वर्षा हुई थी। 2021 में 214.5 मिमी, 2020 में 237 मिमी और 2019 में 119.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।पालम और लोधी रोड पर भी कम वर्षा दर्ज की गई। पालम में 214.2 मिमी के मुकाबले 102.0 मिमी, यानी 52 प्रतिशत कम, लोधी रोड पर 233.1 मिमी के मुकाबले 47.2 मिमी, यानी 80 प्रतिशत कम, रिज क्षेत्र में 190.2 मिमी के मुकाबले 76.1 मिमी, यानी 60 प्रतिशित कम और आया नगर में 188.4 मिमी के मुकाबले 138.2 मिमी यानी 27 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज हुई।
काफी कम वर्षा होने और अगस्त के काफी सूखा रहने से इस माह उमस और तापमान भी बढ़ा। माह का औसत अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सामान्य तापमान 34.2 से 1.2 डिग्री ज्यादा है। यह 2014 के बाद सर्वाधिक भी है। मतलब, 10 साल में यह अगस्त सबसे ज्यादा गर्म रहा है।
अगस्त 2014 में इस माह का औसत तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस रहा था। इसी तरह माह का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य 26.7 की तुलना में 0.1 डिग्री ज्यादा 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
स्काईमेट के अनुसार आमतौर पर अगस्त में मानसून ट्रफ राजधानी के करीब होती है। लिहाजा, इस महीने सबसे अच्छी वर्षा होती है। लेकिन, इस बार मानसून ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से अधिकांश समय उत्तर की ओर रही और तलहटी की ओर खिंच गई। इसके अलावा खाड़ी में कोई मानसून सिस्टम भी नहीं बना, जो दिल्ली और आसपास के इलाकों तक पहुंच सकें। न ही कोई वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस महीने सक्रिय हुआ।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण दिल्ली और असपास के इलाकों में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मौसम और मानसून का ऐसा ही ट्रेंड देखने को मिल रहा है। स्थिति यह हो गई है कि मौसम चक्र भी बदलने लगा है।
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