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नफे सिंह की हत्या में इस गैंग का हो सकता है हाथ, मूसेवाला हत्याकांड से भी कनेक्शन; दिल्ली पुलिस की नौ टीम जांच में जुटी

बहादुरगढ़ (हरियाणा) में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी (Nafe Singh Rathee) की हत्या करने के मामले में दिल्ली पुलिस को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी ग्रुप पर शक है। उनकी हत्या रविवार को गोली मारकर हुई थी। वो इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। नफे सिंह राठी वर्षों से हरियाणा में विवादित प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री से लेकर अन्य विवादित कामों में जुटे हुए थे।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 26 Feb 2024 06:32 PM (IST)
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कुख्यात लॉरेंस-काला जठेड़ी ग्रुप पर नफे सिंह की हत्या की आशंका।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। बहादुरगढ़ (हरियाणा) में पूर्व विधायक नफे सिंह राठी (Nafe Singh Rathee) की हत्या करने के मामले में दिल्ली पुलिस को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी ग्रुप पर शक है। उनकी हत्या रविवार को गोली मारकर हुई थी। वो इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक आला अधिकारी का कहना है कि नफे सिंह राठी वर्षों से हरियाणा में विवादित प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री से लेकर अन्य विवादित कामों में जुटे हुए थे, जिससे बड़ी संख्या में लोग इनके विरोधी हो गए थे। ऐसे लोग उनसे रंजिश रखने लगे थे।

ये गैंग भी आपराधिक कामों में है शामिल

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई-काला जठेड़ी ग्रुप का भी दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में ड्रग्स, रंगदारी वसूलने, सुपारी लेकर हत्या कराने, विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जा व खरीद-बिक्री का काम है। ऐसे में अब तक की जांच में यह बात सामने आ रही है कि वारदात को प्रॉपर्टी आदि के मसले को लेकर रंजिश की वजह से ही अंजाम दिया गया हो।

स्पेशल सेल लॉरेंस व काला जठेड़ी ग्रुप पर फोकस

हत्या के लिए जिन स्वचालित हथियारों का उपयोग किया गया और जिस तरीके के प्रशिक्षित शूटरों से वारदात को अंजाम दिलवाया गया, ये सब लॉरेंस व काला जठेड़ी ग्रुप का ही कारनामा हो सकता है। इसलिए स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की टीम पहले इसी ग्रुप पर फोकस करते हुए जांच कर रही है।

हत्या का मुख्य कारण प्रॉपर्टी विवाद

स्पेशल सेल का कहना है कि बहादुरगढ़ में इसी ग्रुप का सबसे अधिक वर्चस्व भी है। जिस तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया, उससे यह भी माना जा रहा है कि यह हत्या वर्चस्व जमाने व राजनीति फायदे के लिए नहीं की गई है, बल्कि प्रॉपर्टी विवाद ही इसका मुख्य कारण हो सकता है।

लॉरेंस के साथ कई गैंगस्टर जुड़े

स्पेशल सेल की पांच व क्राइम ब्रांच की तीन टीम फिलहाल शूटरों के बारे में पता लगाने में जुटी हुई है। लॉरेंस के साथ काला जठेड़ी, जितेंद्र उर्फ गोगी, कपिल सांगवान उर्फ नंदू व हाशिम बाबा आदि कई गैंगस्टर जुड़े हुए हैं। गोगी की कुछ साल पहले रोहिणी कोर्ट में हत्या हो चुकी है, जिससे इसका गिरोह अब दीपक बॉक्सर चला रहा है, वह भी जेल में बंद है।

गोल्डी बराड़ और लॉरेंस गिरोह ज्यादा सक्रिय

कपिल सांगवान विदेश में है। लॉरेंस व काला जठेड़ी भी जेल में बंद है। प्रॉपर्टी व रंगदारी आदि को लेकर यह ग्रुप इन दिनों सबसे अधिक सक्रिय माना जा रहा है। इसी ग्रुप का गोल्डी बराड़ भी विदेश में रह रहा है। गोल्डी बराड़ व लॉरेंस गिरोह ने ही पिछले साल मई में पंजाब में कांग्रेस नेता व मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को अंजाम दिया था।

उक्त मामले में पहले कई बार रेकी करने के बाद सटीक मुखबिरी के आधार पर अंजाम दिया गया था। वारदात को ऐसे जगह पर अंजाम दिया गया ताकि शूटरों के हमले में मूसेवाला बच न पाए। ठीक उसी तरह से नफे सिंह राठी की भी हत्या की गई।

मूसेवाला हत्याकांड में स्पेशल सेल ने ही सात-आठ मुख्य शूटरों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने गोली चलाई थी। बाद में पंजाब पुलिस ने साजिश रचने व शेल्टर देने में शामिल अन्य को गिरफ्तार किया था। मूसेवाला मामले में 25 से ज्यादा आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी। नफे सिंह की हत्या मामले में भी पुलिस को 15-20 बदमाशों व अन्य के शामिल होने की आशंका है।

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