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Jama Masjid में जा सकेंगी लड़कियां, एलजी के दखल के बाद वापस लिया गया प्रतिबंध का आदेश

दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में लड़कियां जा सकेंगी। एलजी के दखल के बाद प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी को वापस ले लिया गया है। इससे पहले मस्जिद प्रशासन की ओर से लड़कियों के प्रवेश को लेकर बैन का आदेश जारी किया गया था।

By Nemish HemantEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Thu, 24 Nov 2022 06:43 PM (IST)
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Jama Masjid जामा मस्जिद में जा सकेंगी लड़कियां
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर लगाया गया प्रतिबंध वापस ले लिया गया है। अब जामा मस्जिद में लड़कियां प्रवेश कर सकेंगी। मामला तूल पकड़ने के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पर हस्तक्षेप किया है। जानकारी के मुताबिक, उपराज्यपाल ने जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी से बात की और लड़कियों का प्रवेश प्रतिबंधित करने वाले आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया। 

उपराज्यपाल की अपील पर इमाम बुखारी ने सहमति जताई और आदेश वापस लेने का फैसला किया। साथ ही उन्होंने यहां आने वाले लोगों से मस्जिद की पवित्रता का सम्मान करने का अनुरोध किया है। 

राष्ट्रीय महिला आयोग ने जारी किया था नोटिस

इससे पहले इस मामले को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले को लेकर जामा मस्जिद प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। साथ ही इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांगने के साथ उनसे महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने को लेकर आगाह किया था। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा था कि हम इस मामले को स्वत: संज्ञान ले रहे हैं, यह गंभीर मामला है। जल्द ही इस पर आगे की कार्यवाई की जाएगी।

मस्जिद प्रबंधन ने दी थी बेतुकी दलील

वहीं, लड़कियों के मस्जिद में प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर मस्जिद प्रबंधन की तरफ से अजीबोगरीब दलील दी गई थी। जामा मस्जिद प्रबंधन का कहना था कि महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित नहीं है। केवल अकेली महिलाएं की एंट्री पर बैन है। क्योंकि इस धार्मिक स्थल पर लड़िकयां अनुचित हरकतें करती हैं, वीडियो शूट करती हैं। इन सब को रोकने के लिए प्रतिबंध ने ये कदम उठाया है। मस्जिद प्रबंधन का कहना है कि परिवार या विवाहित जोड़ों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। 

दिल्ली महिला आयोग ने फैसले को बताया था तालिबानी

वहीं, दूसरी तरफ दिल्ली महिला आयोग ने भी जामा मस्जिद प्रबंधन के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी। डीसीडब्ल्यू चीफ स्वाति मालीवाल ने मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर रोक के बाद जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी किया था। स्वाति मालीवल ने कहा था कि जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री रोकने का फैसला बिल्कुल गलत है। 

स्वाति मालीवाल ने मस्जिद प्रबंधन के इस फैसले को तालिबानी करार दिया था। उन्होंने कहा था कि जितना हक एक पुरुष को इबादत का है उतना ही एक महिला को भी। मैं जामा मस्जिद के इमाम को नोटिस जारी कर रही हूं। इस तरह महिलाओं की एंट्री बैन करने का अधिकार किसी को नहीं है।

मस्जिद के गेट पर लगाया गया था नोटिस

बताते चलें कि जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध के मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया। जामा मस्जिद के प्रवेश द्वारों से लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध के सूचना पट हटा लिए गए हैं। इमाम सैयद अहमद बुखारी ने की इसकी पुष्टि की है। जामा मस्जिद प्रबंधन के इस फैसले को लेकर मुस्लिम संगठनों, सामाजिक संगठनों और महिला संगठनों की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई। लोग इसे महिला विरोधी मानसिकता की पराकाष्ठा बताते हुए मस्जिद प्रबंधन से ये फैसला तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे थे। 

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