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NGT ने ऑड-इवेन स्कीम को दी हरी झंडी, दो पहिया वाहनों को नहीं मिलेगी छूट

एनजीटी ने दिल्ली में ऑड-इवेन स्कीम पर रोक नहीं लगाई है और यह स्कीम 13-17 नवंबर तक लागू रहेगी।

By Amit MishraEdited By: Updated: Sat, 11 Nov 2017 03:27 PM (IST)
NGT ने ऑड-इवेन स्कीम को दी हरी झंडी, दो पहिया वाहनों को नहीं मिलेगी छूट

नई दिल्‍ली [जेएनएन]। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार के ऑड-इवेन स्कीम को मंजूरी दे दी है जो 13-17 नवंबर तक लागू रहेगा। एनजीटी ने आदेश दिया है कि इस बार ऑड-इवेन के दौरान दो पहिया वाहनों, सरकारी कर्मचारियों और महिलाओं को भी छूट नहीं मिलेगी। इससे पहले इस मामले पर हो रही सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि ऑड-इवेन से प्रदूषण का स्तर कितना कम होगा। 

एनजीटी ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, शहर में जब भी PM10 का स्तर 300 और PM2.5 का स्तर 500 के पार हो तो सरकार तुरंत ऑड-इवेन लागू करे। प्राधिकरण ने इसके साथ ही अपने आदेश में कहा कि किसी अधिकारी, महिला या दो पहिया वाहनों को कोई छूट नहीं दी जाए। हालांकि सीएनजी वाहनों, एंबुलेंस और दमकल जैसी आपातकालीन सेवाओं को ऑड-इवेन योजना से छूट रहेगी। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि सभी प्राइवेट यातायात सर्विस देने वाले सरकार के साथ कोर्डिनेट कर सीएनजी बसें चला सकते हैं। 

ऐसे शहर का नाम बताए जहां PM 10 का लेवल 100 से कम है

सुनवाई के दौरान एनजीटी ने दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाते हुए पूछा कि- तो क्या हमें समझ लेना चाहिए कि राज्य सरकार ऑड-इवेन से होने वाले फायदे को लेकर निश्चिंत है और इससे लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी? केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार से ऐसे शहर का नाम बताए जहां PM 10 का लेवल 100 से कम है। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली सरकार वह पत्र दिखाए जिसके आधार पर ऑड-इवेन का फैसला लिया गया और क्या इस पर एलजी की सहमति ली गई थी? 

दिल्ली सरकार को फटकार 

शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी दिल्‍ली सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि हमारी संतुष्टि के बिना ऑड-इवेन लागू नहीं होगा। दिल्ली सरकार ने अनुरोध किया था कि जरूरी सामान के उद्योगों को बैन से बाहर रखा जाए जिस पर एनजीटी ने कहा था कि हम अगर बच्चों को साफ हवा नहीं दे रहे हैं तो पाप कर रहे हैं।

एनजीटी ने दिल्‍ली सरकार की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें उसने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उन्‍होंने ऑड-इवेन लागू किया था। एनजीटी ने साफ किया कि सुप्रीम कोर्ट ने आपको ऑड-इवेन लागू करने का कोई आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने आपको ग्रेडेड प्लान बताया था और 100 चीजें बताईं थी।

एनजीटी ने कहा कि जब प्रदूषण कम हो रहा है तो आप ऑड-इवेन लागू कर रहे और पिछले एक साल में आपने कुछ नहीं किया। एनजीटी ने इस मामले दिल्‍ली सरकार से सवाल पूछे थे।

एनजीटी ने ऑड-इवेन से जुड़े पूछे ये सवाल

- किस डेटा के आधार पर सिर्फ 5 दिन के लिए ऑड-इवेन लागू कर रहे हैं। 
- पिछली बार ऑड-इवेन लागू हुआ था तब प्रदूषण कम नहीं हुआ था। 
- एक डीजल गाड़ी कितनी पेट्रोल कार के बराबर प्रदूषण करती है। 
- पेट्रोल और छोटी गाड़ियों का दिल्ली के प्रदूषण में कितना योगदान है।
- दो पहिया वाहन कितना प्रदूषण करते हैं और इन्हें क्यों छूट दी। 
- हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी, दिल्ली को में पराली न जलाई जाए।
- अगर पराली जलाई जाएगी तो जिम्मेदार अधिकारियों के वेतन से दंड काटा जाएगा।
- कोई भी ओवरलोडड ट्रक दिल्ली और एनसीआर में न आएं।

पर्याप्त सीएनजी बसें नहीं हैं

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा था कि आप जब तक ऑड-इवेन नहीं लागू करेंगे जब तक आप हमें ये नहीं बता देते कि इसका क्‍या फायदा होगा। आप जिस तरह से ऑड-इवेन लागू कर रहे हैं वो वैज्ञानिक तरीका से नहीं है। आपके पास पर्याप्त सीएनजी बसें नहीं हैं। 

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