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स्टैंडिंग कमेटी के गठन में देरी से अटके कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट, NBCC ने दिल्ली हाईकोर्ट का किया रुख

स्टैंडिंग कमेटी के गठन में देरी के कारण दिल्ली की कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अटकी हुई हैं। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) ने इस मामले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। एनबीसीसी ने याचिका में कहा है कि कमेटी के गठन नहीं होने के कारण कई प्रोजेक्ट का ले-आउट प्लान एक साल से अधिक समय से स्वीकृत नहीं हो सका है।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 09 Sep 2024 06:51 PM (IST)
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राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव के दो साल बाद भी स्टैंडिंग कमेटी गठित नहीं होने के कारण राज्यसभा प्रोजेक्ट से लेकर दिल्ली की कई लंबित अहम योजनाओं को देखते हुए राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

एनबीसीसी ने याचिका में कहा है कि कमेटी के गठन नहीं होने के कारण कई प्रोजेक्ट का ले-आउट प्लान एक साल से अधिक समय से स्वीकृत नहीं हो सका है। सोमवार को मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की पीठ ने एमसीडी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता को निर्देश लेने को कहा। मामले पर अागे की सुनवाई मंगलवार को हाेगी।

डेढ़ साल का समय बीतने के बाद भी कमेटी का गठन नहीं

एमसीडी को स्टैंडिंग कमेटी का गठन करने का निर्देश देने की मांग करते हुए एनबीसीसी ने कहा कि कमेटी को तेजी से उनके द्वारा ले-आउट प्लान के संबंध में दाखिल किए गए आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया जाए। अधिवक्ता नगरकट्टी कार्तिक उदय और सानिध्य कुमार के माध्यम से दायर याचिका में एनबीसीसी ने कहा कि एमसीडी का चुनाव दिसंबर 2022 में हुआ था, लेकिन एमसीडी डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कमेटी का गठन करने में नाकाम रहा है।

एनबीसीसी ने कहा कि प्रोजेक्टर का ले-आउट प्लान स्क्रूटनी कमेटी से स्वीकृत होने के बावजूद भी अंतिम स्वीकर अब तक नहीं मिल सकी है। इसके कारण आरके पुरम में संभावित राज्यसभा प्राजेक्ट से लेकर कई प्रोजेक्ट लंबित हैं।

दिल्ली के विकास के लिए जरूरी कई प्राेजेक्ट अटके

एनबीसीसी ने कहा कि इस संबंध में एमसीडी से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन एमसीडी कमेटी का गठन नहीं होने के कारण ले-आउट प्लान स्वीकृत नहीं हो और इसके कारण दिल्ली के विकास के लिए जरूरी कई प्राेजेक्ट अटके हैं। एनबीसीसी ने कहा कि स्वीकृत नहीं होने के कारण दिल्ली के सभी प्रोजेक्ट पर आने वाली लागत भी बढ़ेगी और यही वजह है कि याचिकाकर्ता के पास अदालत के समक्ष आने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा है।

एनबीसीसी के यह अहम प्राेजेक्ट हैं लंबित

- आरके पुरम राज्यसभा प्रोजेक्ट

- डीयू ढ़ाका कैंपस प्रोजेक्ट

- आईआईएफटी मैदानगढ़ी प्रोजेक्ट

- डीटीसी हरिनगर प्रोजेक्ट

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