ग्रेटर नोएडा में फिर पकड़ी ड्रग्स फैक्ट्री, तिहाड़ जेल के वार्डन समेत चार गिरफ्तार; 10 करोड़ की मेथमफेटामाइन बरामद
एनसीबी की टीम ने ग्रेटर नोएडा के कासना औद्योगिक क्षेत्र में ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी है। ड्रग्स बनाने के लिए मुंबई स्थित एक रसायन विशेषज्ञ को शामिल किया गया और उसकी गुणवत्ता का परीक्षण दिल्ली में रहने वाला मैक्सिकन कार्टेल का सदस्य करता था। एनसीबी ने इस साल गुजरात के गांधीनगर और अमरेली राजस्थान के जोधपुर और सिरोही मध्य प्रदेश के भोपाल में ऐसी कुल पांच फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ड्रग्स माफिया के खिलाफ केंद्र सरकार की सख्ती के बीच ग्रेटर नोएडा में फिर एक ड्रग्स फैक्ट्री पकड़ी गई। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के साथ मिलकर कासना औद्योगिक क्षेत्र में यह कार्रवाई की और तिहाड़ जेल के एक वार्डन व एक मेक्सिकन नागरिक समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
मौके से 10 करोड़ रुपये मूल्य की 95 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद की गई है। साथ ही ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई प्रकार के केमिकल भी बरामद किए गए हैं। मेक्सिकन नागरिक गिरोह का सरगना बताया जा रहा है। चारों आरोपितों को मजिस्ट्रेट के सामने पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।
पहले भी पकड़ी जा चुकी तीन ड्रग्स फैक्ट्रियां
इससे पहले ग्रेटर नोएडा में तीन ड्रग्स फैक्ट्रियां पकड़ी जा चुकी हैं। बता दें कि मेथमफेटामाइन रासायनिक रूप से एम्फैटेमिन के समान होता है। इसका इस्तेमाल अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसआर्डर और नार्कोलेप्सी जैसी समस्याओं के इलाज के लिए भी किया जाता है।एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (ऑपरेशन) ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि मेथमफेटामाइन जैसी सिंथेटिक ड्रग्स बनाए जाने की सूचना मिली थी। तस्करों ने एनसीआर में लैब की आड़ में फैक्ट्री खोल रखी है, जिसमें मेक्सिकन सीजेएनजी ड्रग्स कार्टेल (कार्टेल डी जलिस्को नुएवा जेनरेशन) के सदस्य भी शामिल हैं। इसी सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई।
तिहाड़ के वार्डन के साथ खोली थी अवैध फैक्ट्री
एनसीबी ने 25 अक्टूबर को कासना औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री में छापेमारी कर ठोस और तरल रूप में लगभग 95 किलो मेथमफेटामाइन ड्रग्स बरामद की। वहां एसीटोन, सोडियम हाइड्राक्साइड, मेथिलीन क्लोराइड, प्रीमियम ग्रेड इथेनाल, टोल्यूनी, रेड फास्फोरस, एथिल एसिटेट आदि रसायन और निर्माण के लिए आयातित मशीनें भी पाई गईं।
आरोपितों से पता चला है कि छापे के समय फैक्ट्री में मिले व्यवसायी ने तिहाड़ जेल के वार्डन के साथ मिलकर अवैध फैक्ट्री खोली थी। उसने विभिन्न स्थानों से मेथमफेटामाइन के निर्माण के लिए आवश्यक रसायनों की खरीद की थी। व्यवसायी को पहले राजस्व खुफिया विभाग की ओर से एनडीपीएस मामले में गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा गया था, जहां वह जेल वार्डन के संपर्क में आया।
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