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जानिए क्यों तीन साल बाद भी सुगम नहीं हो सकी एनसीआर की कनेक्टिविटी

हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आवागमन करने वाले भारी वाहनों के दबाव से दिल्ली को मुक्त करने के उद्देश्य से बने ईस्टर्न (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और वेस्टर्न (कुंडली-मानेसर-पलवल) पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से एनसीआर के प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी सुगम नहीं हो पाई है।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 09:54 AM (IST)
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ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से नहीं जुड़ सके दिल्ली से सटे शहर
नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आवागमन करने वाले भारी वाहनों के दबाव से दिल्ली को मुक्त करने के उद्देश्य से बने ईस्टर्न (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और वेस्टर्न (कुंडली-मानेसर-पलवल) पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे से एनसीआर के प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी सुगम नहीं हो पाई है। इन एक्सप्रेस-वे को शुरू हुए तीन साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रमुख शहरों से इसकी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई है। दोनों एक्सप्रेस-वे तक पहुंचने से पहले ही वाहन चालक पुरानी बदहाल सड़कों के सफर में थक जाते हैं।

ये दोनों एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद जिलों को कुछ दूरी तय करने पर सीधे तौर पर छूते हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर पलवल से मानेसर तक 53 किलोमीटर मार्ग का लोकार्पण अप्रैल 2016 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। 27 मई 2018 को केजीपी का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बागपत रैली में किया और केएमपी के बकाया 83 किलोमीटर मार्ग का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2018 को सोहना रैली से किया था।

सोनीपत

यहां पलवल के बाद केएमपी और केजीपी का जंक्शन है मगर राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम होने से अभी यह जंक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया है। केजीपी से आवागमन करने के लिए सोनीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग की एप्रोच रोड ठीक हैं मगर यह रोड काफी संकरी है। राजमार्ग की तरफ से केजीपी की तरफ जाने वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। किसान संगठनों के आंदोलनकारी भी कुंडली बार्डर पर केएमपी की तरफ ही जमे हुए हैं। सोनीपत से केएमपी तक पहुंचने के लिए कम से कम आधे घंटे का समय लगता है। यहां भारी वाहनों का करीब दो किलोमीटर लंबा जाम लगता है।

दिल्ली

केजीपी से बागपत के लिए निकास द्वार होते हुए दिल्ली के करावल नगर तक का रास्ता भी भारी वाहनों की क्षमता के अनुसार नहीं है। यह मार्ग जगह-जगह से टूटा हुआ है। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बागपत से केजीपी तक के मार्ग को चौड़ा करवा रहा है मगर यह कार्य होने में अभी काफी समय लगेगा।

गाजियाबाद

यहां केजीपी या केएमपी से कनेक्टिविटी डासना और दुहाई शहर से है। डासना से सड़क एनएच-9 को और दुहाई से पुराने दिल्ली-मेरठ रोड को क्रास करती हैं। रैपिड ट्रेन का काम चलने से दुहाई की तरफ से आवागमन करने वालों को परेशानी होती है। शहर से एक्सप्रेस-वे तक 30 मिनट से कम समयावधि में नहीं पहुंचा जा सकता।

गौतमबुद्ध नगर

केजीपी से कनेक्ट होने के लिए यहां दादरी और बील अकबरपुर गांव के नजदीक व ग्रेटर नोएडा में सिरसा गांव के पास दो सड़क हैं। दादरी से तो केजीपी तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं आती मगर बील अकरपुर वाली सड़क डेढ़ से दो किलोमीटर टूटी हुई है। शहर से केजीपी एक्सप्रेस-वे तक पहुंचने के लिए बरसात के दिनों में 30 मिनट तो सामान्य दिनों में 15-20 मिनट का समय लगता है।

गुरुग्राम

केएमपी को जोड़ने वाले मार्ग में नूंह के धुलावट के पास भिवाड़ी-सोहना राजमार्ग की हालत जर्जर है। पहले सुल्तानपुर के पास भी केएमपी पर चढ़ने व उतरने वाले मार्ग की हाजत खराब थी पर दो माह पहले उसे सही कर दिया गया। धुलावट टोल के पास दोनों ओर की सड़कें अभी जर्जर बनी हुई है। इन्हें बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है। बारिश से सड़क पर हुए बड़े-बड़े गड्ढों में वाहन फंस जाते हैं।

फरीदाबाद

केजीपी एक्सप्रेस-वे पर आने-जाने के लिए बल्लभगढ़ से मोहना-छांयसा मार्ग अपनाना होता है। दो लेन के इस मार्ग की कारपेटिंग राज्य सरकार ने एक वर्ष पूर्व ही की थी। चंदावली, मच्छगर, दयालपुर, अटाली गांव से गुजरने वाले इस मार्ग पर जाम की स्थिति रहने के कारण आधे घंटे से पहले केजीपी तक नहीं पहुंचा जाता।

पहुंच से दूर एक्सप्रेस-वे

हरियाणा स्टेट रोड एंड ब्रिज कारपोरेशन के स्वतंत्र निदेशक हरदीप सिंह महाजन ने बताया कि निश्चित तौर पर एक्सप्रेस-वे से शहरों को जोड़ने वाले मार्ग भी भारी वाहनों की क्षमता के अनुकूल बनने चाहिए। पहले से बने स्टेट हाईवे, डिस्टिक मेजर रोड की क्षमता सीमित रहती है। फरीदाबाद से केजीपी की सीधी कनेक्विटी कराने के लिए हरियाणा सरकार ने पहल की है। इसके लिए एनएचएआइ की तरफ से एक 1600 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार की गई है। इसके बाद 30 मिनट का सफर 10 मिनट का रह जाएगा।

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