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एनडीएमसी के स्कूलों में आधुनिक शिक्षा प्रणाली से रूबरू होंगे छात्र, पढ़िए सरकार की न्यू इंडिया स्कूल प्लानिंग

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के स्कूलों में शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए वर्तमान स्कूलों को न्यू इंडिया स्कूल में तब्दील किया जाएगा। इसमें न केवल ढांचागत सुधार होगा बल्कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली से भी छात्र रूबरू हो सकेंगे।

By Pradeep ChauhanEdited By: Updated: Thu, 23 Dec 2021 03:11 PM (IST)
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हमारी कोशिश है कि एनडीएमसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा देने के लिए अनुकूल बने।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के स्कूलों में शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके लिए वर्तमान स्कूलों को न्यू इंडिया स्कूल में तब्दील किया जाएगा। इसमें न केवल ढांचागत सुधार होगा, बल्कि आधुनिक शिक्षा प्रणाली से भी छात्र रूबरू हो सकेंगे। एनडीएमसी काउंसिल की बैठक में इन परिवर्तनों को करने की दिशा में सहमति हो गई है। वहीं, इन सुधारों को लागू करवाने की जिम्मेदारी सदस्य कुलजीत चहल को दी गई है।

शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर सुधारों को लागू करने के लिए चहल को कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।काउंसिल की बैठक के बाद कुलजीत चहल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदृष्टि सोच को एनडीएमसी में लागू करने के लिए के लिए न्यू इंडिया स्कूल की कल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि 45 स्कूल हैं। इसमें 34 अटल आदर्श विद्यालय हैं, जबकि 11 नवयुग स्कूल हैं।

इन स्कूलों में ढांचागत सुधार से लेकर विभिन्न स्तरों पर किस प्रकार से सुधार हो, इसको लेकर पूरा प्लान बनाया जाएगा। इसके लिए विशेष तौर पर शिक्षा के लिए विद्युत विभाग और सिविल इंजीनियरिं की शाखाओं का गठन किया गया है। हमारी कोशिश है कि एनडीएमसी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा देने के लिए अनुकूल बने। इसके लिए सरोजनी नगर के स्कूल से लेकर दूसरे अन्य स्कूल से शुरुआत करने की योजना है।अतिरिक्त गतिविधियों से जोड़े जाएंगे स्कूलचहल ने बताया कि शिक्षा का स्तर और बेहतर हो, इसके लिए एनडीएमसी अतिरिक्त छात्रों को गतिविधियों से भी जोड़ेगा।

उन्होंने कहा कि एनडीएमसी क्षेत्र में ललित कला अकादमी, साहित्य अकादमी व राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जैसे संस्थान हैं। ऐसे में इन छात्रों को स्कूली शिक्षा के दौरान ऐसी गतिविधियों व विशेषज्ञों से रूबरू कराने की योजना है, ताकि छात्रों की सोच का दायरा और बड़ा हो सके। शहीदों के बच्चों के लिए अलग स्कूल सेना और सशस्त्र सुरक्षा बलों में शहीदों के बच्चों के लिए भी एनडीएमसी एक रिहायशी स्कूल बनाने की योजना पर भी विचार कर रही है।

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने बताया कि हम इस पर भी विचार कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल यह अभी विचार है। इसे मूर्त रूप देने के लिए विभाग विस्तृत प्लान बनाएगा। हमारा विचार है कि पहली से 12वीं कक्षा तक का एक स्कूल ऐसा हो, जहां पर शहीदों के बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो, जहां वे रह भी सकें और शिक्षा भी ग्रहण कर सकें।

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