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NEET अभ्यर्थियों को ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़, कम रैंक वाले छात्रों को बनाते थे निशाना

नीट परीक्षा में कम रैंक लाने वाले या असफल होने वाले छात्रों को निशाना बनाकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस ने गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया है। गिरोह ने अब तक करीब एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों से ठगी की है। एडमिशन दिलाने के नाम पर छात्रों से 30-40 लाख रुपये की मांग करते थे।

By mohammed saqib Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Tue, 17 Sep 2024 12:58 PM (IST)
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टॉप कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी करते थे। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने के बहाने नीट अभ्यर्थियों से करोड़ों रुपये ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

पुलिस ने बताया कि गिरोह ने अब तक करीब एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों से ठगी की है। आरोपित कम रैंक प्राप्त करने वाले और प्रवेश परीक्षा में असफल अभ्यर्थियों को निशाना बनाते थे। वे उन्हें 30-40 लाख रुपये की मांग कर शीर्ष रैंक वाले सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाने का वादा करते थे।

शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस

नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश महेला के मुताबिक, 21 वर्षीय एक उम्मीदवार की शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई। अभ्यर्थी ने फर्जी एमबीबीएस प्रवेश रैकेट के बारे में छह सितंबर को पुलिस थाना कनॉट प्लेस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि 27 अगस्त को एक महिला ने उससे संपर्क किया, जिसने उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के एवज में 35 लाख रुपये की मांग की थी।

एजेंट ने काफी शॉप में की गौरव से मुलाकात

इसके बाद महिला ने अभ्यर्थी को 35 वर्षीय कुमार गौरव से मिलवाया, जिसने खुद को सन शाइन एशिया नामक कंसल्टेंसी फर्म का एजेंट बताया। गौरव ने बाद में कनॉट प्लेस में एक काफी शॉप में उससे मुलाकात की और उसे महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (महाराष्ट्र), बीआरडी मेडिकल कॉलेज, सरकारी मेडिकल कॉलेज (उत्तर प्रदेश), मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज और दरभंगा मेडिकल कॉलेज (बिहार) सहित पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सूची दी।

पीड़ित शिकायतकर्ता ने गोरखपुर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज चुना और गौरव ने उसे एडवांस के तौर पर 7.5 लाख रुपये देने को कहा। गौरव ने दावा किया कि उसका नाम तीसरे राउंड की सूची या मोप-अप राउंड में आएगा। इस बीच अभ्यर्थी संदेह हुआ और उसने इन एजेंटों के साथ अपनी बातचीत रिकार्ड करना शुरू किया और पुलिस को मामले की जानकारी दी।

एसएचओ संजीव कुमार और एसीपी अनिल समोता की अगुआई में एक टीम बनाई। 10 सितंबर को शिकायतकर्ता ने आरोपित गौरव को फोन किया और उसे काफी हाउस में मिलने के लिए बुलाया। जिसके बाद पुलिस की टीम ने गौरव को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से 14 क्रेडिट/डेबिट कार्ड, दो आधार कार्ड, तीन मोबाइल फोन, एक वोटर कार्ड और एक पासपोर्ट बरामद किया। आरोपित से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

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