Nehru Memorial Museum: दशकों तक वर्चस्व का प्रतीक रहा तीन मूर्ति भवन, आजादी के पहले से ही शुरू हुई इसकी कहानी
भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदल दिया है। अब नेहरू मेमोरियल म्यूजियम को पीएम म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज इस इमारत का नाम पहली बार बदला गया हो।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। History of Teen Murti Bhawan: भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदल दिया है। दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम को अब पीएम म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। नाम बदले जाने के बाद से राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, जहां कांग्रेस इस फैसले को राजनीतिक संकीर्णता मान रही है तो सत्ता पक्ष नाम बदलने को विकास यात्रा का प्रतीक बता रहा है।
ऐसा पहली बार नहीं है कि इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज इस इमारत का नाम पहली बार बदला गया हो। इसे पहले तीन मूर्ति भवन के नाम से जाना जाता था।
यह इमारत भारत में आजादी से पहले और आजादी के बाद कई दशकों तक सत्ता के वर्चस्व का प्रतीक रही है। आइए जानते हैं इसके इतिहास के बारे में दिलचस्प बातें।
पंडित नेहरू का आधिकारिक आवास
साल 1948 में जब पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने तो तीन मूर्ति भवन उनका आधिकारिक आवास बन गया। पंडित नेहरू 16 साल तक इस घर में रहे और यहीं पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
इसके बाद इस तीन मूर्ति भवन को पंडित नेहरू की याद में उन्हें समर्पित कर दिया गया और इसे पंडित नेहरू म्यूजियम एंड मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। यहां पंडित से जुड़ी चीजों को सहेज कर रखा गया है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया था। अब इसका नाम बदलकर दिया गया है। वहीं, इस तीन मूर्ति भवन से पंडित नेहरू के साथ साथ इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की भी यादें जुड़ी हुई हैं।
कैसे पड़ा तीन मूर्ति भवन नाम
दरअसल, जिस जगह यह भवन स्थित है वहां के गोल चक्कर पर बीचों बीच एक स्तंभ के किनारे तीन दिशाओं में मुंह किए हुए तीन सैनिकों की मूर्तियां लगी हुई हैं। ये द्वितीय विश्व युद्ध में लड़े सैनिकों का स्मारक है।
इस स्मारक की वजह से ही भवन का नाम तीन मूर्ति भवन पड़ गया। यह तीन मूर्ति भवन मूल रूप से ऑस्ट्योर क्लासिक शैली में निर्मित है। इसी शैली से निर्मित दूसरा भवन दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस भी है।
पंडित नेहरू से पहले अंग्रेजी कमांडर का था घर
आजादी से पहले एडविन लुटियंस की इंपीरियल कैपिटल का हिस्सा रहा तीन मूर्ति भवन अंग्रेजी शासन में भारत के कमांडर इन चीफ का आधिकारिक आवास था।
कांग्रेस ने की सरकार के फैसले की आलोचना
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास तीन मूर्ति परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के लगभग एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया है। केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा एतराज जताया है।
जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं !
Nehru Memorial Museum & Library का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से, आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
इससे केवल BJP-RSS की ओछी…— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 16, 2023
कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं! नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने के कुत्सित प्रयास से आधुनिक भारत के शिल्पकार व लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी,पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। इससे केवल BJP-RSS की ओछी मानसिकता और तानाशाही रवैये का परिचय मिलता है।