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EXCLUSIVE: बुराड़ी फांसीकांडः 11 मौतों वाले घर को लेकर कहीं यह मिथ ना बन जाए...

पड़ोसियों के मुताबिक परिवार के सदस्य अन्य शहरों में बस चुके हैं, उनकी दिल्ली में रहने की कोई इच्छा नहीं है। इस घर को कोई खरीदने को जल्दी तैयार नहीं होगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 04:43 PM (IST)
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EXCLUSIVE: बुराड़ी फांसीकांडः 11 मौतों वाले घर को लेकर कहीं यह मिथ ना बन जाए...

नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]। बुराड़ी स्थित संत नगर की गली नंबर-4 स्थित जिस मकान में संदिग्ध परिस्थिति में भाटिया परिवार के 11 सदस्यों की मौत हो गई। वहां अब कोई रहने को तैयार नहीं है। स्थिति यह है कि डर के कारण रात के वक्त स्थानीय निवासी भी इस गली से गुजरने से बच रहे हैं। यही नहीं उस मकान को मंदिर बनाया जा सकता है। इस संबंध में मोहल्ले के लोगों ने परिवार के बड़े बेटे दिनेश से चर्चा की है। पड़ोसियों के मुताबिक उन्होंने अभी कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया है। हालांकि परिवार की एक मात्र बची बेटी सुजाता को जरूर इस बात पर आपत्ति है।

पड़ोसियों के मुताबिक परिवार के सदस्य अन्य शहरों में बस चुके हैं, उनकी दिल्ली में रहने की कोई इच्छा नहीं है। इस घर को कोई खरीदने को जल्दी तैयार नहीं होगा। लिहाजा लोगों ने इस घर को मंदिर बनाने की इच्छा परिवार के सदस्यों के सामने रखी। पड़ोसी रमेश का कहना है कि मंदिर बनाने को लेकर मोहल्ले के कुछ लोगों ने दिनेश से बात की है, उन्होंने अभी कुछ नहीं कहा है।

राज मिस्त्री ने 11 पाइपों के राज से हटाया पर्दा
भाटिया परिवार का मकान बनाने वाले राज मिस्त्री कुंवर पाल ने बताया कि भाटिया परिवार को वह काफी सालों से जानते हैं और उनका मकान उन्होंने ही बनाया है। उन्होंने बताया कि मकान में लगे पाइप सीढ़ियों में रोशनी व वेंटिलेशन के मकसद से लगाए गए थे। बगल में खाली प्लॉट किसी और की है। इसलिए उन्होंने वेंटिलेंशन की व्यवस्था के लिए पाइप लगाने को कहा था। घर में रखे पुराने पाइप का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने नहीं गिना था कि यह 11 पाइप हैं। पाइपों को करीब छह सात माह पूर्व ही दीवार में लगाए गए थे।

12 दिन बाद करेंगे हवन
खौफनाक घटना के बाद संत नगर के गली नंबर 2 में रहने वाले लोग ललित के घर के अंदर अथवा बाहर पूजा व हवन कराने की सोच रहे हैं। पड़ोस व गली में रहने वाले लोगों का कहना है कि अभी ललित के बड़े भाई दिनेश क्रिया-कर्म करने चित्तौड़गढ़ चले गए हैं। 12 दिन बाद वापस लौटने पर वे लोग सामूहिक रूप से उनके घर के अंदर अथवा बाहर पूजा-पाठ व हवन कराएंगे।

खुलने लगीं गली नंबर दो की दुकानें
संत नगर की गली नंबर 2 स्थित एक घर में एक ही परिवार के 11 लोगों की फंदे पर लटकने से हुई मौत की घटना के बाद कॉलोनी में मातम छा गया था। एक जुलाई से अबतक गली में स्थित सभी दुकानें बंद थी। बुधवार को कुछ लोगों ने दुकानें खोलीं।

किरायेदारों ने छोड़ा कमरा
भाटिया परिवार के पड़ोसी वीरेंद्र त्यागी कहते हैं कि गली के लोग हमेशा दोनों भाइयों भुवनेश व ललित को अपनी दुकानों पर बैठे देखते थे। परिवार की महिलाएं भी गली में लोगों से अक्सर मिलती जुलती रहती थीं। ऐसे में जिन लोगों ने शनिवार की रात तक पूरे परिवार को सही सलामत देखा था, सुबह उनकी मौत की खबर से सन्न रह गए। अब जब इसमें जादू टोने, तंत्र मंत्र आदि बातें सामने आ रही हैं तो लोगों के मन में डर बैठ गया है। वह बताते हैं कि आसपास के मकानों में रहने वाले कई किरायेदारों ने अपना कमरा छोड़ दिया है। उनके मकान में रहने वाले किरायेदार भी कुछ ऐसी ही स्थिति में हैं।

दोबारा होगी पूछताछ
क्राइम ब्रांच ललित के बड़े भाई दिनेश व बड़ी बहन सुजाता से दो हफ्ते बाद दोबारा पूछताछ करेगी। कुछ करीबी रिश्तेदारों से अभी और पूछताछ होनी थी। लेकिन, क्रिया-कर्म के लिए उन्होंने 12 दिन की मोहलत मांगी है। 

भाटिया परिवार के कुत्ते की हालत में सुधार
दिल्ली के बुराड़ी में भाटिया परिवार के 11 लोगों की मौत से सदमे में आए कुत्ते टॉमी की हालत में अब काफी सुधार है। उसने बुधवार को सामान्य तरीके से खाना खाया और पानी भी पीया। अगले कुछ दिनों में उसके पूरी तरह से स्वस्थ होने की उम्मीद है।

बता दें कि टॉमी का इलाज सेक्टर-55 स्थित हाउस ऑफ स्ट्रे एनिमल की क्लीनिक में चल रहा है। उसे मंगलवार को दिल्ली स्थित संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर भेज दिया गया था। वहां पर संस्था के संचालक संजय महापात्र ने अनुरोध किया कि इसे हमारे साथ रहने दें तो उनकी बात को मान लिया गया।

उन्होंने बताया कि टॉमी की हालत में अब 90 फीसद सुधार है। वह पार्क में टहल रहा है और खेल भी रहा है। उसने बुधवार को सामान्य तरीके से खाना खाया। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में वह पूरी तरह से सदमे से बाहर आ आएगा। संजय का कहना है कि अगर भाटिया परिवार का कोई सदस्य टॉमी को वापस लेना चाहे तो वह उसे सौंप देंगे। इसे अगर कोई नहीं लेता है तो भी वह उसे अपनी संस्था के सदस्य के तौर पर हमेशा पालेंगे।

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