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Delhi Jail: नरेला में बनेगी चौथी जेल, 2000 कैदियों की होगी क्षमता; खूंखार अपराधियों के लिए किया जा रहा तैयार

दिल्ली के नरेला में हाई सिक्योरिटी जेल के साथ एक नई केंद्रीय जेल का निर्माण किया जाएगा। 250 कैदियों की क्षमता वाली हाई सिक्योरिटी जेल के अलावा नई केंद्रीय जेल में 2000 कैदियों को रखने की जगह होगी। इस जेल के निर्माण का लक्ष्य दो वर्ष के भीतर रखा गया है। तिहाड़ रोहिणी और मंडोली के बाद नरेला दिल्ली का चौथा जेल परिसर होगा।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 06 Sep 2024 08:55 PM (IST)
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दिल्ली के नरेला में हाई सिक्योरिटी जेल के साथ एक नई केंद्रीय जेल का निर्माण किया जाएगा।

गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली। नरेला में अब हाई सिक्योरिटी जेल के साथ एक केंद्रीय जेल भी बनाया जाएगा। हाई सिक्योरिटी जेल में जहां 250 कैदी रहेंगे, वहीं नए केंद्रीय जेल में दो हजार कैदियों को रखने की जगह होगी। करीब दो वर्ष के भीतर इस जेल के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नए केंद्रीय जेल के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

तिहाड़, रोहिणी और मंडोली के बाद नरेला में दिल्ली के चौथे जेल परिसर के निर्माण की मूल योजना के तहत यहां हाई सिक्याेरिटी जेल का निर्माण होना था। इस जेल में उन खूंखार अपराधियों या कैदियों को रखा जाना है, जो गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं या सजायाफ्ता हैं या फिर जिनकी सुरक्षा काफी संवेदनशील होती है। हाई सिक्योरिटी जेल की क्षमता 250 कैदियों की है।

योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल चुकी

जेल प्रशासन के अनुसार नरेला में जेल निर्माण के लिए जितनी जगह मिली, वह इतनी है कि हाई सिक्याेरिटी जेल के निर्माण के बाद भी काफी जगह खाली बच रही है। इस खाली जगह का इस्तेमाल करते हुए अब यहां एक केंद्रीय जेल के निर्माण की योजना तैयार की गई है। इस योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल चुकी है। सबकुछ सही रहा तो हाई सिक्याेरिटी जेल के निर्माण के साथ ही यहां नया केंद्रीय जेल भी बनना शुरू हो जाएगा।

समस्या का होगा करीब 20 प्रतिशत समाधान

तिहाड़ में अभी करीब 20 हजार कैदी बंद हैं, जबकि क्षमता करीब 10 हजार की है। नया केंद्रीय जेल बनने के बाद यहां दो हजार कैदी स्थानांतरित हो जाएंगे। इस लिहाज से देखें तो क्षमता से अधिक कैदी की समस्या से जूझ रहे तिहाड़ जेल की समस्या का करीब 20 प्रतिशत तक समाधान हो जाएगा।

बापरौला में नए सिरे से होगी जगह की तलाश

नरेला में जेल परिसर बनने से केवल 20 प्रतिशत समस्या ही हल होगी। समस्या के पूर्ण समाधान के लिए दिल्ली में जेलों की या तो क्षमता बढ़ानी होगी, या फिर नए परिसर बनाने होंगे। नरेला के बाद दिल्ली में पांचवें जेल परिसर के निर्माण की योजना है। करीब दो दशक पूर्व यहां जमीन की तलाश शुरू हुई थी। करीब दशक भर पहले जमीन चिन्हित भी किया गया, लेकिन बाद में नए जेल परिसर की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

घनी आबादी वाले इलाके में जेल निर्माण से दिक्कतें

जेल प्रशासन के अनुसार बापरौला में जिस जगह जेल निर्माण के लिए जगह चिह्नित की गई थी, अब वहां आसपास घनी आबादी बस चुकी है। घनी आबादी वाले इलाके में जेल का निर्माण करने से कई दिक्कत होती है। घनी आबादी वाली कॉलोनियों से घिरे जेल परिसर में अक्सर बाहर से सामान परिसर के अंदर फेंकने की घटना सामने आती रहती है।

बपरौला में नए जगह की हो रही तलाश

मंडाेली और रोहिणी में यह समस्या अक्सर सामने आती है। बापरौला में इस तरह की दिक्कत नहीं हो, इसके लिए अब यहां नए सिरे से जगह की तलाश हो रही है। अधिकारियों का एक दल इस कार्य के लिए बनाया गया है। डीडीए से इस बारे में बातचीत भी जेल प्रशासन की चल रही है। उम्मीद है कि जल्द ही जमीन चिन्हित कर ली जाएगी।

जेल सूत्रों के अनुसार बापरौला में जेल निर्माण की योजना भले ही अभी काफी अस्पष्ट है लेकिन यह तय है कि यहां नरेला के मुकाबले ज्यादा बड़ा जेल बनाया जाएगा। यानि यहां की क्षमता हर हाल में दो हजार से अधिक होगी। इस लिहाज से क्षमता से अधिक कैदियों से जुड़ी समस्या का करीब 50 प्रतिशत समाधान के दायरे में होगा।

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