Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली के इस अस्पताल में तीन घंटे लाइन में लगती हैं, तब जाकर डॉक्टर को दिखाती हैं गर्भवती

    शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में प्रसूति विभाग की हालत खस्ता है। ओपीडी में रोजाना 500 गर्भवती महिलाएं आती हैं लेकिन पंजीकरण के लिए केवल एक काउंटर होने से भारी परेशानी होती है। महिलाओं को सुबह 6 बजे से लाइन में लगना पड़ता है और घंटों इंतजार करना पड़ता है। गर्मी में एयर कंडीशनिंग की सुविधा न होने से उनकी हालत और भी खराब हो जाती है।

    By Ashish Gupta Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 24 Aug 2025 07:56 AM (IST)
    Hero Image
    सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

    शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल उत्तर पूर्वी जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है। महिला रोग एवं प्रसुति विभाग में अव्यवस्थाओं से गर्भवतियों का बुरा हाल रहता है। अस्पताल में दो दिन गर्भवतियाें की विशेष ओपीडी लगती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक दिन में 500 गर्भवती इलाज करवाने के लिए आती हैं। अस्पताल में इलाज करवाना गर्भवतियों के लिए पत्थर तोड़ने जितना मुश्किल है। तीन घंटे तक लाइन में लगने के बाद वह डॉक्टर के कमरे तक पहुंच पाती हैं।

    सुबह छह बजे गर्भवतियों को अस्पताल पहुंचकर लाइन में लगना पड़ता है, ताकि उनका नंबर आ जाए। लाइन में लगे-लगे उनकी हालत इतनी खराब हो जाती है कि उन्हें दूसरे के सहारे की जरूरत पड़ती है।

    ओपीडी में पंजीकरण के लिए एक ही काउंटर है। इस काउंटर पर गर्भवतियों की इतनी भीड़ होती है कि सुरक्षा गार्डों को संभालना मुश्किल हो जाता है। सुबह साढ़े आठ बजे से लेकर 12 बजे तक ही पंजीकरण होता है।

    12 बजते ही काउंटर बंद हो जाता है, बाकी जो गर्भवती लाइन में लगी होती है उन्हें घर जाना पड़ता है। अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आने वाली महिलाओं ने कहा कि विभाग में हवा के लिए डक तो लगी हुई है, लेकिन उसमें एयर कंडीशन नहीं है।

    कुछ ही जगह दीवारों पर पंखे लगे हुए हैं। गर्मी बहुत है, गर्भवतियों की हालत खराब रहती है। पाइप लाइन लीकेज होने की वजह से विभाग की सीढ़ियों पर बहुत पानी बहता है। किसी दिन किसी गर्भवती के साथ हादसा हो सकता है। इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डा. सुषमा जैन से वाट्सएप पर पक्ष मांगा, उन्होंने मैसेज देखने के बाद भी जवाब नहीं दिया।

    सुरक्षा गार्डों पर पैसे लेकर पर्चे बनवाने के आरोप

    ओपीडी की पंजीकरण की लाइन में लगी कई गर्भवतियों ने आरोप लगाए कि अस्पताल के सुरक्षा गार्ड पैसे लेकर जल्दी पर्चा बनवा देते हैं। जो पैसे नहीं देता है और सुबह से लाइन में लगी है वह घंटों डॉक्टर को दिखाने के लिए धक्के खाती है। व्यवस्थाओं में सुधार ही नहीं किया जा रहा है। ऐसा नहीं है गार्डों पर पैसे लेने का यह पहला आरोप है।

    अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के लिए सुबह छह बजे जाकर लाइन में लगना पड़ता है। उसमें भी पता नहीं होता है कि डॉक्टर को दिखा पाएंगे या नहीं। डॉक्टरों की कमी है और मरीज अधिक। डाक्टर कम होने से ठीक तरह से वह मरीजों को देख नहीं पाते हैं। तीन घंटे में मेरा नंबर आया।   - अंगूरी

    कहने को जग प्रवेश चंद्र जिले का सबसे बड़ा अस्पताल है, लेकिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है। निजी लैब में जाकर गर्भवतियों को अपना अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ता है। दवाई भी पूरी नहीं मिलती है। प्रसुति विभाग में अव्यवस्थाएं बहुत हैं। अस्पताल प्रबंधन का ध्यान ही नहीं है। ढाई घंटे में डॉक्टर को दिखाया।

    - ज्योति

    प्रसुति विभाग में गर्मी से गर्भवतियों का बुरा हाल रहता है। एयर कंडीशनर के लिए डक लगी हुई है, लेकिन उसमें एयर कंडीशनर नहीं लगा हुआ है। एक मरीज को डॉक्टर को दिखाने में करीब तीन घंटे लगते हैं। एक गर्भवति इन तीन घंटों तक गर्मी व बदहाली से कैसे जूझती है, वही जानती है।

    रमा कुमारी

    प्रसुति विभाग में एक ही पंजीकरण काउंटर है। पूरे जिले की गर्भवती अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आती हैं। पिछले तीन माह से विभाग की सीढियों पर छत से पानी गिर रहा है। किसी भीग र्भवती के साथ हादसा को सकता है। लेकिन जनप्रतिनिधियों से लेकर अस्पताल प्रबंधन पर इसका कोई असर नहीं होता है।

    ज्योति सिंह