नेटवर्क के ‘सीमा विवाद’ में उलझ रहीं इमरजेंसी नंबरों की काॅल, दूरसंचार मंत्रालय नहीं कर रहा कोई समाधान
दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में इमरजेंसी नंबरों पर कॉल करने पर उत्तर प्रदेश के कंट्रोल रूम में कनेक्ट होने की समस्या आ रही है। मयूर विहार न्यू अशोक नगर जैसे इलाकों से दमकल और एंबुलेंस के नंबर डायल करने पर कॉल उत्तर प्रदेश पहुँचती है जिससे मुसीबत में फंसे लोगों को मदद मिलने में देरी हो रही है। आरपीएफ और दमकल विभाग के अधिकारी भी इस समस्या से परेशान हैं।
आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों से इमरजेंसी नंबरों को डायल करने पर काॅल उत्तर प्रदेश के कंट्रोल रूम में जाकर कनेक्ट होती है। नेटवर्क का यह ‘सीमा विवाद’ मुसीबत में फंसे लोगों के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। कई बार तो सीमावर्ती इलाकों से दूर की काॅलोनियों में रह रहे लोग भी इस समस्या से जूझते हैं। खुद दमकल विभाग और पुलिस अधिकारी इस समस्या से परेशान हैं। आरपीएफ के सुरक्षा आयुक्त ने तो समस्या के समाधान के लिए दूरसंचार मंत्रालय के सचिव को इस बाबत पत्र भी लिख चुके हैं। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले भी इस समस्या से परेशान हैं, उनकी काॅल दिल्ली कनेक्ट होती है।
दिल्ली की कॉल्स यूपी हो जाती हैं कनेक्ट
दमकल के लिए 101, एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर डायल करने पर नेटवर्क का ‘सीमा विवाद’ सामने आता है। यमुनापार में मयूर विहार, न्यू अशोक नगर, वसुंधरा एन्क्लेव, गाजीपुर, न्यू कोंडली, झिलमिल, विवेक विहार, सीमापुरी, मंडोली समेत कई क्षेत्रों से यह इमरजेंसी नंबर डायल करने पर काॅल उत्तर प्रदेश के काॅल सेंटरों में कनेक्ट होती है। दमकल के लिए काॅल तो उत्तर प्रदेश के जिले गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में कनेक्ट होती है।
दिल्ली से आते हैं बहुत काॅल
कुछ इमरजेंसी नंबर की काॅल लखनऊ स्थित काॅल सेंटर से कनेक्ट होती है। गौतमबुद्ध नगर के सीमावर्ती मयूर विहार के इलाके से जागरण संवाददाता ने दमकल विभाग को काॅल किया तो लोगों की समस्या सही निकली। वह काॅल गौतमबुद्ध नगर दमकल विभाग में कनेक्ट हुआ। बातचीत होने पर वहां के दमकल विभाग में कार्यरत कर्मियों ने बताया कि उनके यहां पर दिल्ली से बहुत काॅल आते हैं।
उपचार उपलब्घ कराने में बाधा
आनंद विहार आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रेन से गिरने या अन्य कारणों से बीमार यात्रियों को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस का 102 और 108 नंबर डायल किया जाता है तो काॅल उत्तर प्रदेश के काॅल सेंटर में कनेक्ट होता है। वह अपने क्षेत्र से बाहर का केस होने पर सेवा देने से मना कर देते हैं। यह बड़ी समस्या है, जो घायल और बीमार यात्रियों को समय पर उपचार उपलब्घ कराने में बाधक हो रही है।
केस-एक : एक अप्रैल को शास्त्री पार्क में मछली मार्केट के पास निगम की पार्किंग के पीछे कबाड़ में आग लग गई थी। इसमें एक वाहन और छह रिक्शा जल गए थे। स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को 101 नंबर पर काॅल किया था, जो नोएडा जाकर मिला। बड़ी मुश्किल से लोगों ने दिल्ली के दमकल विभाग को पुलिस की मदद से बुलवाया था।
केस-दो : अक्षरधाम गेम्स विलेज के पास गत मंगलवार को ट्रेन की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हुआ। आरपीएफ ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए एुबुलेंस बुलाने को करीब 11:30 बजे 108 नंबर पर डायल किया तो काॅल इसके उत्तर प्रदेश कंट्रोल रूम हो लग गई। दिल्ली की सेवा से संपर्क नहीं हो पाया। ऐसे में आरपीएफ को ट्रेन रुकवाकर उससे घायल को नई दिल्ली ले जाना पड़ा।
समाधान होना चाहिए
''यह समस्या होती है। कई बार हमारे दमकल कर्मी भी इस समस्या से जूझते हैं। इसका समाधान होना चाहिए।''
-वीरेंद्र सिंह, चीफ फायर ऑफिसर, दिल्ली
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