NGT का आदेश, 4774 औद्योगिक इकाइयों को तुरंत बंद कराए दिल्ली सरकार
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की देखरेख में जांच कमेटी करीब 52 हजार औद्योगिक इकाइयों के सर्वे का काम 31 दिसंबर तक पूरा कर 15 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि रिहायशी क्षेत्रों में चल रहीं 4774 औद्योगिक इकाइयों को तुरंत बंद किया जाए। संचालकों पर कार्रवाई के साथ ही उचित मुआवजा भी वसूला जाए। ऐसा नहीं करने पर संबंधित निगमायुक्त पर कार्रवाई की जाएगी। उनकी एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) में इस लापरवाही को दर्ज कर वेतन रोक दिया जाएगा। यह भी आदेश दिया गया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की देखरेख में जांच कमेटी करीब 52 हजार औद्योगिक इकाइयों के सर्वे का काम 31 दिसंबर तक पूरा कर 15 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करे।
यह आदेश एनजीटी द्वारा सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की अगुआई में बनी कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली के तीनों नगर निगम क्षेत्रों के रिहायशी इलाकों में औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया जा चुका है पर ये अब भी चल रही हैं। हालांकि, एनजीटी में दिल्ली के मुख्य सचिव की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मद्देनजर कारण बताओ प्रक्रिया अनावश्यक है।
इन क्षेत्रों में नियम ताक पर
पश्चिमी दिल्ली में मोती नगर, कीर्ति नगर, रमेश नगर, नजफगढ़, मानसरोवर गार्डन, दक्षिण दिल्ली में आश्रम, भोगल, जंगपुरा, महारानी बाग, महिपालपुर, गांधी नगर, शास्त्री नगर, कैलाश नगर, जाफराबाद, पूर्वी दिल्ली में शाहदरा, उत्तरी दिल्ली में सदर बाजार, चांदनी चौक, मलकागंज, बल्लीमारान, लाल कुआं और कश्मीरी गेट क्षेत्र में नियमों की परवाह नहीं की जा रही है। अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र में करोल बाग, पटेल नगर, आनंद पर्वत, रोहतक रोड, राजिंदर नगर, मध्य दिल्ली में पुराना राजिंदर नगर, उत्तर-पूर्व दिल्ली में शाहदरा, जीटी रोड, बाबरपुर, विश्वास नगर, उत्तर पश्चिमी दिल्ली में बुराड़ी और जगतपुरी शामिल हैं।