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Delhi Pollution: प्रदूषण पर नियंत्रण के दावे को लेकर NGT नाराज, कहा- AQI को बेहतर करने के लिए करें उपाय

एनजीटी ने दिल्ली में प्रदूषण पर रोकथाम के लिए किए गए दावे पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि राजधानी के एक्यूआई को बेहतर करने के लिए कदम उठाने चाहिए। एनजीटी ने यह भी कहा कि एनसीआर बेहद खराब स्थिति में पहुंचे एक्यूआई पर 20 अक्टूबर को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था लेकिन स्थिति सुधारने के बजाय बदतर हो रही है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu SumanUpdated: Sun, 12 Nov 2023 08:23 AM (IST)
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दिल्ली में प्रदूषण के रोकथाम के लिए किए गए दावे पर एनजीटी ने जताई नाराजगी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने एनसीआर में वायु गुणवत्ता से जुड़ी रिपोर्ट को देखकर चिंता व्यक्त करते हुए विभिन्न एजेंसियों के दावे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एनजीटी ने कहा कि विभिन्न एजेंसियों की ओर से दाखिल रिपोर्ट में दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण करने के संबंध में दावे किए गए हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर परिणाम असंतोषजनक है।

एनजीटी ने यह भी कहा कि एनसीआर बेहद खराब स्थिति में पहुंचे एक्यूआई पर 20 अक्टूबर को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया था, लेकिन स्थिति सुधारने के बजाय बदतर हो रही है।

एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य सुधीर अग्रवाल और पर्यावरण सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने कहा कि एजेंसियों को अपनी रणनीति की समीक्षा करने की जरूरत है। एजेंसियों को एनसीआर में एक्यूआई में सुधार के लिए निर्धारित समयसीमा के अंदर उचित समाधान निकालना होगा।

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20 नवंबर से पहले कार्रवाई रिपोर्ट देने को कहा

वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होने की स्थिति को देखते हुए प्रतिवादियों को कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएम) और सीपीसीबी प्रतिवादी 20 नवंबर को अगली सुनवाई से पहले कार्रवाई रिपोर्ट पेश करेंगे।

21 अक्टूबर से ग्रेप-2 के प्रावधान लागू

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने एनजीटी में दाखिल अपनी रिपोर्ट में अंतिम समय में ग्रेप के संशोधित अक्टूबर 2023 का विवरण शामिल किया है। इसमें अक्टूबर की शुरुआत में जहां एक्यूआई बेहद खराब पाया गाया था और मौसम विज्ञान व जलवायु परिस्थियों के तहत 21 अक्टूबर से ग्रेप दो सक्रिय रूप से लागू किया गया। वहीं सीपीसीबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विभिन्न स्तरों पर व्यापक कदम उठाए हैं।

जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन, औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय, पराली जलाने से रोकने समेत अन्य पहलू पर काम किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने अपनी रिपोर्ट में पहचाने गए प्रदूषण के कारण का जिक्र किया है।

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