Action on Gangsters: अमित शाह के निर्देश पर NIA और स्पेशल सेल तोड़ेगी गैंगस्टरों की कमर, खत्म होगा बढ़ता आतंक
हाल के वर्षों में दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों हरियाणा उत्तर प्रदेश पंजाब और राजस्थान में बड़े गैंगस्टरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए उन पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस एनआईए स्पेशल सेल जांच कर रही हैं।
By GeetarjunEdited By: Updated: Mon, 12 Sep 2022 10:21 PM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। हाल के वर्षों में दिल्ली समेत पड़ोसी राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में बड़े गैंगस्टरों के बढ़ते आतंक को देखते हुए उन पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस, एनआईए, स्पेशल सेल जांच कर रही हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में हाल ही में कई बड़े गैंगस्टरों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत चार प्राथमिकी दर्ज की गईं, जिनमें दो प्राथमिकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को ट्रांसफर कर दी गईं। जबकि दो की स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस व अन्य शाखा खुद जांच कर रही है।
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गैंगस्टर के कई शूटर हो चुके हैं गिरफ्तार
सेल की विभिन्न यूनिटों ने हाल में उक्त कानून के तहत कई गैंगस्टरों के शूटरों को दबोच भी चुकी है। एनआइए द्वारा सोमवार को दिल्ली समेत हरियाणा और पंजाब में की गई गैंगस्टरों के घरों पर छापेमारी इसी कार्रवाई का हिस्सा है।पहली बार गैंगस्टरों पर हो रही यूएपीए कानून की कार्रवाई
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि देश में पहली बार गैंगस्टरों पर यूएपीए कानून (UAPA Act) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस कानून के तहत पहले देश विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है। गैंगस्टरों पर इस कानून के तहत कार्रवाई इसलिए की जा रही है क्योंकि उनके बढ़ते आतंक को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।ये भी पढ़ें- Delhi Meerut Rapid Rail: दुहाई डिपो पहुंचे दूसरी रैपिड ट्रेन के कोच, अगले साल शुरू हो जाएगा परिचालन
गैंगस्टर करने लगे थे गठजोड़ पिछले एक दशक से यह देखा जा रहा था कि गैंगस्टर अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए आपस में एक-दूसरे गिरोहों से गठजोड़ करने लगे थे। देश हित के लिए यह खतरे की बात थी। राज्य पुलिस इनके आतंक के सामने बौना साबित होने लगी थी।गठजोड़ कर गैंगस्टर पुलिसकर्मियों पर हमला बोल उनके हिरासत से अपने गुर्गों को आसानी से भगाने में कामयाब हो जा रहे थे। विभिन्न जेलों से मुकदमों की तारीखों पर अदालतों में बदमाशों को पेशी के लिए ले जाने के दौरान कई बार पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाएं हो चुकी हैं।
ये भी पढ़ें- दिल्ली HC की सख्त टिप्पणी, कहा- 1984 सिख विरोधी दंगे से अब भी कराह रहा है देशपुलिसकर्मियों की जा रही थी जान इस तरह की घटनाओं में पुलिसकर्मियों की जान भी जा रही थी। साथ ही वे पुलिसकर्मियों के अत्याधुनिक सरकारी हथियार भी लूटने में कामयाब हो जा रहे थे। हाल के वर्षों में यह बात भी सामने आ चुकी है कि गैंगस्टर जेल से मोबाइल के जरिए रंगदारी का रैकेट चला रहे हैं।
इसलिए गैंगस्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए इस तरह का निर्णय लिया गया। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम का मुख्य उद्देश्य आतंकी गतिविधियों पर रोकथाम लगाना होता है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस कानून के तहत ऐसे आतंकियों, अपराधियों और संदिग्धों को चिह्नित करती हैं, जो आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं।सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद खुला राज
कुछ महीना पहले पंजाब में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे जिस तरह की साजिश कनाडा में बैठकर रची गई। इस मामले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हैरान कर दिया। घटना में शामिल गैंगस्टरों के कई आतंकी संगठनों से सांठगांठ होने की बात सामने आई।पुलिस अधिकारी का कहना है कि कुछ बड़े गैंगस्टरों के गठजोड़ से इनके आतंक इस कदर बढ़ चुके हैं कि ये विदेश से ड्रग्स की खेप मंगवा उसे देश में आपूर्ति करने लगे हैं। रंगदारी का इनका बहुत बड़ा साम्राज्य बन चुका है। उक्त काले धंधे की कमाई का हिस्सा हवाला व अन्य तरीके से ऐसे लोगों तक पहुंच रहा है जो देश विरोधी कार्यों में जुटे होते हैं।
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