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Delhi Crime: खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने वाले गैंग का भंडाफोड़, एक हजार से ज्यादा लोगों से की लाखों रुपये ठगी

अंसारी समेत सात आरोपितों को रिमांड पर लेकर क्राइम उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन्होंने विगत कुछ सालों में कितने लोगों को खाड़ी देशों में भेजा है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीटेक करने वाला अंसारी मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Wed, 25 Oct 2023 04:00 AM (IST)
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एनआईए के भी रडार पर था फर्जी वीजा रैकेट चलाने वाला सरगना अंसारी
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने व उन्हें वीजा दिलाने के नाम पर एक हजार से अधिक लोगों से लाखों रुपये ठगी करने के मामले में क्राइम ब्रांच द्वारा गिरफ्तार किए गए फर्जी वीजा रैकेट चलाने वाले गिरोह के सरगना इनामुल हक अंसारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी व स्पेशल सेल के भी रडार पर था।

अंसारी समेत सात आरोपितों को रिमांड पर लेकर क्राइम उनसे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन्होंने विगत कुछ सालों में कितने लोगों को खाड़ी देशों में भेजा है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीटेक करने वाला अंसारी मूल रूप से बिहार के दरभंगा का रहने वाला है।

अंसारी एनआईए के रडार पर था

विशेष आयुक्त (अपराध शाखा) रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि सिंडिकेट द्वारा कितने लोगों को अवैध रूप से दुबई भेजा गया है उनके बारे में पता लगाया जाएगा। अंसारी एनआईए के रडार पर तब आया था जब उसे पता चला कि उसने इंडियन मुजाहिद्दीन प्रमुख यासीन भटकल को कई साल पहले आश्रय दिया था।

अंसारी देश भर में आतंकवादी हमलों की योजना में शामिल है। भटकल के नेतृत्व वाले आइएम मॉड्यूल के खिलाफ दिल्ली पुलिस की एफआईआर में भी उसका नाम है, जिससे उसकी तलाश की जा रही थी।

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इन मामलों में आया था अंसारी का नाम

पुलिस अधिकारी के मुताबिक दरभंगा मॉड्यूल मामले में स्पेशल सेल ने कई साल पहले 14 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था जिनमें अंसारी का भी नाम सामने आया था। 2001 में कर्नाटक के उडुपी जिले में भटकल के स्वामित्व वाली एक परफ्यूम व प्राकृतिक चिकित्सा दवाओं की दुकान दरभंगा मॉड्यूल की स्थापना का केंद्र बन गई थी, जिसने भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रची थी।

जांच एजेंसियों की मानें तो यासीन भटकल और फसीह महमूद सहित संगठन के कुछ प्रमुख सदस्यों द्वारा दुकान पर करीबी संबंध विकसित करने के बाद आइएम का दरभंगा मॉड्यूल अस्तित्व में आया था।

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एनआईए के मुताबिक परफ्यूम की दुकान अंजुमन इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय थी जो जिहाद के साथ-साथ स्थानीय, राष्ट्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते थे, जिससे एक करीबी रिश्ते को बढ़ावा मिलता था जो भविष्य में आईएम के दरभंगा मॉड्यूल का आधार बना था।

जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कही थी ये बात

यह बात जांच एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में कहा था। एनआईए ने सितंबर 2012 में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश, युद्ध छेड़ने की योजना को सुविधाजनक बनाने, आतंकवादी कृत्य के लिए धन जुटाने, आतंकी कृत्य करने की साजिश, आतंकवादी शिविरों का आयोजन, आतंकवादी कृत्य के लिए व्यक्तियों की भर्ती आदि धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था।

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