देश में चिंताजनक स्थिति! 9 प्रतिशत लोग इस खतरनाक बीमारी का शिकार; AIIMS सहित सात बड़े अस्पतालों ने किया अध्ययन
महानगरों में बढ़ते शोर-शराबे के बीच बहरेपन की समस्या भी बढ़ रही है। देश में नौ प्रतिशत लोग बहरेपन से पीड़ित हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर ICMR) की पहल पर एम्स (AIIMS) और देश के छह अन्य शहरों के बड़े चिकित्सा संस्थानों द्वारा मिलकर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। एम्स के ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक ठक्कर ने यह जानकारी दी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। महानगरों में बढ़ते शोर-शराबे के बीच बहरेपन की समस्या भी बढ़ रही है। देश में नौ प्रतिशत लोग बहरेपन से पीड़ित हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर, ICMR) की पहल पर एम्स (AIIMS) और देश के छह अन्य शहरों के बड़े चिकित्सा संस्थानों द्वारा मिलकर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। एम्स के ईएनटी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक ठक्कर ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस अध्ययन में दिल्ली एम्स के अलावा शिमला, शिलॉन्ग, भुवनेश्वर, बेंगलुरु, रायपुर, भावनगर के अस्पताल शामिल थे। इन जगहों पर 90 हजार लोगों पर यह अध्ययन किया गया, जिसमें 50 प्रतिशत शहरी व 50 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को शामिल किया गया।
बहरेपन की समस्या बढ़ी
अध्ययन में शामिल सभी लोगों के कान की सुनने की क्षमता की जांच की गई। इस दौरान पाया गया कि नौ प्रतिशत लोगों को एक या दोनों कान से सुनने में परेशानी है। अध्ययन में 3.1 प्रतिशत लोग ऐसे पाए गए जिन्हें बहरेपन की समस्या बहुत ज्यादा थी।बहरेपन के लिए ध्वनि प्रदूषण भी जिम्मेदार
अध्ययन में यह पाया गया कि अधिक उम्र के लोगों और बुजुर्गों को बहरेपन की समस्या अधिक है। उन्होंने कहा कि देश में बहरेपन की स्थिति को जानने के लिए पहली बार इतने बड़े स्तर पर अध्ययन किया गया है। बहरेपन के लिए ध्वनि प्रदूषण तो जिम्मेदार है ही, इसके अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
तंबाकू भी है जिम्मेदार
उन्होंने कहा कि तंबाकू खाना भी इसका एक कारण हो सकता है। तंबाकू खाने से लोगों के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। ऐसे में तंबाकू के दुष्प्रभाव से कान के आसपास का हिस्सा भी प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा देश में पहले की तुलना में जीवन प्रत्याशा बढ़ी है।50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग ज्यादा पीड़ित
50 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में बहरेपन की समस्या अधिक होती है। ऐसे में जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी भी इसका एक कारण हो सकता है। इसके अलावा ऊंची आवाज में स्पीकर, लाउड स्पीकर इत्यादि बजाना बहरेपन का कारण बन रहा है। अध्ययन में पाया गया कि अब कान बहने की बीमारी पहले की तुलना में बहुत कम हो गया है। इसका कारण शरीर की स्वच्छता और साफ सफाई बढ़ना है।
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