Nirbhaya Case: जानिए- ये 6 बड़े कारण, जिसके चलते टल सकती है 3 मार्च को होने वाली फांसी
Nirbhaya Case चारों दोषियों के पिछले तीन दिन के दौरान अपनाए गए नए-नए पैंतरों से 3 मार्च को होनी वाली फांसी पर संशय है।
By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 02 Mar 2020 07:52 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Nirbhaya Case: निर्भया मामले में चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह) को 3 मार्च (मंगलवार) सुबह 6 बजे फांसी दी जानी वाली, जिसमें अब कुछ ही घंटे बाकी हैं, लेकिन जिस तरह से निर्भया के सभी दोषी कानूनी दांव चल रहे हैं, उससे लगता नहीं कि फांसी लग पाएगी।
पवन को छोड़ सभी दोषियों के कानूनी विकल्प खत्म, फिर भी जारी है कोशिशयहां पर बता दें कि चारों दोषियों में से इकलौता पवन कुमार गुप्ता ही है, जिसने अब तक सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायिर नहीं की थी, जो उसने शुक्रवार को दायर की। वहीं, बाकी तीनों दोषियों विनय, मुकेश और अक्षय के फांसी से बचने के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं। बावजूद इसके चारों दोषियों के पिछले तीन दिन के दौरान अपनाए गए नए-नए पैंतरों से 3 मार्च को होनी वाली फांसी पर संशय है। आइये 6 प्वाइंट्स में जानें आखिर क्या है फांसी में अड़चन।
1. दिल्ली कानून मैन्यूअल (Delhi Prison Manual)दिल्ली जेल मैनुअल (Delhi Prison Manual) साफ-साफ यह कहता है कि जब तक सजा पाए अपराधी के पास एक भी कानूनी विकल्प बाकी है या फिर वह उसका इस्तेमाल कर रहा है तो उसे फांसी नहीं दी जा सकती है। अगर उसकी किसी तरह की याचिका मसलन दया याचिका भी खारिज होती है तो भी उसे फांसी से पहले 14 दिन का समय दिया जाना चाहिए।
2. एक ही अपराध में एक साफ फांसी
एक ही अपराध में सभी दोषियों को एक साथ ही सजा देने का प्रावधान है, हालांकि इसके खिलाफ दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार याचिका सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुकी है, इस पर आगामी 5 मार्च को सुनवाई होगी। ऐसे में 3 मार्च को होने वाली फांसी इसलिए भी टल सकती है, क्योंकि यह याचिका लंबित है। दरअसल, दिल्ली और केंद्र सरकार की एक याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट कर चुका है कि चारों को एक साथ ही फांसी होगी। इसे केंद्र और दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आगामी 5 मार्च को सुनवाई है।
3. पवन की याचिका ने भी डाला अड़ंगाचारों दोषियों में से एक पवन कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में फांसी से राहत पाने के लिए सुधारात्मक याचिका दी है, जिस पर सोमवार को जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ इन चैंबर सुनवाई करेगी। बाकी तीन दोषियों की सुधारात्मक याचिका कोर्ट खारिज कर चुका है। ऐसे में अगर पवन की याचिका सोमवार को खारिज भी हो जाती तो उसके नियमानुसार 14 दिन बाद भी फांसी को अमल में लाया जा सकता है।
4. फांसी रोकने की कोशिश, दिल्ली HC में याचिका दायरनिर्भया के दोषियों को फांसी से बचाने की कड़ी में एक याचिका शनिवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की गई है, जिस पर अभी सुनवाई की तारीख भी तय नहीं है। वकील एपी सिंह की ओर से दायर इस याचिका में चारों दोषियों की मानसिक और शारीरिक स्थिति जांचने की गुजारिश की गई है। याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को निर्देश देने के लिए कहा गया है कि वह चारों दोषियों की शीरीरिक और मानसिक स्थिति का पता लगाएं।
5. फांसी रुकवाने को दी याचिका दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दोषी अक्षय सिंह और पवन गुप्ता ने डेथ वारंट पर रोक के लिए याचिका दायर की है। इस पर एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल प्रशासन से दो मार्च तक जवाब मांगा है। दायर याचिका में अक्षय ने दावा किया कि राष्ट्रपति के समक्ष उसकी नई दया याचिका लंबित है। वहीं, पवन ने सुधारात्मक याचिका का हवाला दिया है। ऐसे में ये दोनों बातें 3 मार्च की फांसी में अड़चन लगाएगी।
6. निर्भया के दोषियों पर लूट का केस भी, फंसा हुआ पेचबता दें कि राम आधार नाम के व्यक्ति से राम सिंह (2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी), मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और नाबालिग ने लूटपाट की थी। लूट के इस मामले में वर्ष 2015 में निर्भया के चारों दोषियों विनय, पवन, अक्षय और मुकेश पटियाला हाउस कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट में सजा को चुनौती दी गई है और यह मामला अभी लंबित है। ऐसे में जब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता, फांसी नहीं हो सकती है।
Nirbhaya Case: 3 मार्च को ही होगी फांसी, SC में लंबित याचिका से डेथ वारंट पर असर नहीं
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।