Nizamuddin Corona cases: तब्लीगी जमात में शामिल जमातियों ने की थी अभद्रता, बस से थूका
Nizamuddin Corona cases क्वारंटाइन सेंटर ले जाने के दौरान कई जमातियों ने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ अभद्रता की बल्कि वहां मौजूद लोगों पर थूकने भी लगे।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 01 Apr 2020 08:50 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Nizamuddin Corona cases: दक्षिण दिल्ली स्थित हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज जमात से निकालकर क्वारंटाइन सेंटर ले जाने के दौरान कई जमातियों ने न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ अभद्रता की, बल्कि वहां मौजूद लोगों पर थूकने भी लगे। ऐसे में संक्रमण डर से लोगों में दहशत फैल गई।
स्वास्थ्य विभाग की टीम में शामिल एक चिकित्सक के मुताबिक, जब जमातियों को बस से ले जाया जा रहा था। उस समय ये लोग स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस और मीडिया के लोगों से अभद्र व्यवहार करने लगे। इसके बाद इधर-उधर थूकने लगे। अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। यही नहीं जब बस की खिड़की बंद करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फिर लोगों पर थूका, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा है।वहीं, मेडिकल कर्मचारी भी जमात में शामिल उन लोगों की इस हरकत से परेशान हो गए। बड़ी मुश्किल से कर्मचारियों ने बसों की खिड़कियों को बंद कराया। एक कर्मचारी की मानें तो बस चलने के बाद फिर खिड़की खोलकर ये लोग इधर-उधर थूकते हुए जा रहे थे। बाद में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी ट्वीट करके इनकी इस हरकत की जानकारी दी।
जानिए क्या है तब्लीगी जमाततब्लीगी जमात सुन्नी मुसलमानों का एक ऐसा संगठन है जो चाहता है कि दुनिया भर के मुसलमान वैसे ही रहें जैसे कि वे पैगंबर साहब के समय में रहते थे। यानी उनका खानपान, वेशभूषा और रीति-रिवाज सब कुछ उसी समय का हो। माना जाता है कि इस जमात के दुनिया भर में करीब 20 करोड़ सदस्य हैं। 1927 में स्थापित इस संगठन का मजबूत गढ़ दक्षिण एशिया है, लेकिन करीब सौ से ज्यादा देशों में इसकी पहुंच बताई जाती है। इसकी स्थापना भारत में हरियाणा के मेवात में मुहम्मद इल्यास अल कंधालवी ने की थी। तब्लीगी जमात के छह सिद्धांत हैं। कलमा, सलाह, इल्म ओ जिक्र, इकराम ओ मुस्लिम, इखलास ए नीयत और दावत ओ तब्लीगी। इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित है। इससे देश से लेकर विदेश तक लोग जुड़े हुए हैं। जमात के मुताबिक वह किसी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन नहीं करती, क्योंकि उसका उद्देश्य धार्मिक है।
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