Tablighi Jamat: मरकज प्रमुख मौलाना साद को दिल्ली पुलिस ने भेजा दूसरा नोटिस
Nizamuddin tablighi jamat पुलिस ने निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद को दूसरी बार नोटिस भेजा है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 06 Apr 2020 02:15 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली समेत पूरे देश के लोगों की जान खतरे में डालने वाले निजामुद्दीन मरकज तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना मोहम्मद साद को दिल्ली पुलिस ने दूसरी बार नोटिस भेजा है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने सिर्फ मौलाना साद से जानकारी मांगी है और उसे आने के लिए नहीं कहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पहली नोटिस के जवाब में मौलाना साद ने अपने वकील के माध्यम से दिल्ली पुलिस को कुछ दस्तावेज और जानकारियों सौंपी हैं। इनमें से ज्यादातर दस्तावेज उर्दू में हैं।
इससे पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मौलाना साद को नोटिस भेजकर 26 सवाल पूछे थे। इनमें मरकज से जुड़ी कई जानकारी और लेन-देन का ब्यौरा भी शामिल था। इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले नमातियों के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी।
विदेश से होती है फंडिंग
देश में कोरोना का बड़ा संकट खड़ा करने वाले तब्लीगी मरकज की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। मरकज के राज भी परत दर परत खुल रहे हैं। क्राइम ब्रांच को अब तक की जांच में पता चला है कि देश-विदेश से हर माह करोड़ों रुपये की फंडिंग हो रही थी। इसमें बड़ा घालमेल किया गया है। देश-विदेश से बेतहाशा मिलने वाले इस धन का कहीं कोई लेखा-जोखा नहीं है। इसमें ज्यादातर लेनदेन कैश में किए जाने की बात भी सामने आई है।
अवैध बनी है तब्लीगी मरकज की बिल्डिंगनिजामुद्दीन के तब्लीगी मरकज के अवैध निर्माण की शिकायत पिछले छह सालों से की जा रही थी। लेकिन न तो दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई की और न ही पुलिस ने। इस दौरान प्रबंधन मरकज का लगातार अवैध निर्माण कराते रहे। तब्लीगी जमात का मामला सामने आने पर निगम ने अपनी ओर से पुलिस को शिकायत दी है। हालांकि डीसीपी ने शिकायत मिलने की पुष्टि नहीं की है।
जंगपुरा एक्सटेंशन आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष व सत्यमेव जयते फाउंडेशन के चेयरमैन मोनू चड्ढा ने बताया कि उन्होंने 2014 में एसडीएमसी को मरकज के अवैध निर्माण की शिकायत दी थी, लेकिन निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद भी उन्होंने कई बार तत्कालीन उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार और गृह मंत्रलय से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मोनू ने बताया कि मरकज को नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया। नगर निगम के अधिकारियों ने मरकज के प्रबंधकों को कई बार मरकज के निर्माण वाली जगह के मालिकाना हक के दस्तावेज देने को कहा था। लेकिन प्रबंधकों ने कभी भी निगम को मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं सौंपे। ऐसे में इस जमीन के मालिकाना हक पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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