'कोई भी भगवान का स्थान नहीं ले सकता', दिल्ली एयरपोर्ट पर CPR देकर बुजुर्ग की जान बचानेवाली डॉक्टर ने बताया पूरा हाल
घटनाओं को याद करते हुए डॉ. प्रिया ने कहा पहली बात तो यह है कि भगवान की जगह कोई नहीं ले सकता। हम उनके इशारों पर ही कोई काम कर पाते हैं। हम उस दिन अमरनाथ यात्रा से लौटे थे और हमारी फ्लाइट लेट हो गई थी। उस समय हम फूड कोर्ट क्षेत्र में थे। पास के एक स्टॉल पर एक बुजुर्ग व्यक्ति था जो अचानक गिर गया।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल का दौरा पड़ने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति की जान बचाने वाली एक महिला डॉक्टर प्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। 60 वर्षीय व्यक्ति को सीपीआर देने वाली डॉ. प्रिया ने कहा कि कोई भी भगवान की जगह नहीं ले सकता, बल्कि केवल उसकी इच्छा के अनुसार काम कर सकता है। उन्होंने बताया कि सीपीआर देने से ही उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकी।
घटनाओं को याद करते हुए डॉ प्रिया ने कहा, "पहली बात तो यह है कि भगवान की जगह कोई नहीं ले सकता। हम उनके इशारों पर ही कोई काम कर पाते हैं। हम उस दिन अमरनाथ यात्रा से लौटे थे और हमारी फ्लाइट लेट हो गई थी। उस समय, हम फूड कोर्ट क्षेत्र में थे। पास के एक स्टॉल पर एक बुजुर्ग व्यक्ति था जो अचानक गिर गया।"
सीपीआर देने पर उनकी सांसें लौटी: डॉक्टर प्रिया
उन्होंने आगे कहा, "मेरे पति डॉ. रमाकांत गोयल भी मेरे साथ थे। जब हम पहुंचे तो एक डॉक्टर दंपत्ति भी वहां थे। जब हम चारों ने उनकी जांच की तो पाया कि वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे थे। उनकी दिल की धड़कन बंद हो गई थी और नाड़ी बिल्कुल नहीं चल रही थी। हमने तुरंत सीपीआर किया और लगभग पांच मिनट के भीतर उनकी सांसें और नाड़ी चालू हो गई और हमने सीपीआर जारी रखा।"
डॉ. प्रिया ने कहा कि कुछ देर में वह स्थिर हो गए और उनकी पल्स रेट बेहतर हो गई। हमने हवाई अड्डे के कर्मचारियों को भी बुलाया था। हमने बाद में मरीज की नब्ज और संतृप्ति की जांच की और यह बेहतर था।"
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने भी की डॉ. प्रिया की तारीफ
डॉक्टर के प्रयासों की राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सराहना की। देवानी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर उस व्यक्ति की जान बचाने के लिए डॉ. प्रिया की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "जयपुर की रहने वाली और अजमेर रेलवे अस्पताल की सीनियर डीएमओ डॉ. प्रिया ने अपनी सूझबूझ से दिल्ली एयरपोर्ट पर सीपीआर देकर एक बुजुर्ग की जान बचाई।"
देवनानी ने कहा, "उनकी बुद्धिमत्ता और साहसी कार्य हम सभी को जागरूक करने वाला है। दिल का दौरा पड़ने पर पांच से छह मिनट के भीतर सीपीआर देने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है और उसे समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।"