कोरोना मरीजों के लिए ICU बेड के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार को राहत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से हाई कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए कहा है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से मामले पर 12 नवंबर को सुनवाई करने के लिए कहा है।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 10 Nov 2020 03:16 PM (IST)
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए 80 फीसद आइसीयू बेड आरक्षित रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से हाई कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए कहा है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट से मामले पर 12 नवंबर को सुनवाई करने के लिए कहा है।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने निजी/प्राइवेट अस्पतालों में 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों के लिए आरक्षित करने के अपने फैसले पर रोक लगाने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 22 सितंबर को दिल्ली सरकार के 13 सितंबर के फैसले पर रोक लगा दी थी। इस दौरान दिल्हा था कि 33 बड़े निजी अस्पतालों को 80 फीसद आइसीयू बेड कोविड-19 रोगियों के लिए आरक्षित करने के लिए कहना दरअसल, अन्य मरीजों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। यहां पर बता दें कि दिल्ली में रोजाना रिकॉर्ड तोड़ कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। सोमवार की रिपोर्ट में कोरोना के 5,023 नए मामले आए। वहीं 7,014 मरीज ठीक हुए। इससे मरीजों के ठीक होने की दर 88.86 फीसद से बढ़कर 89.43 फीसद हो गई है। लेकिन, चिंताजनक यह है कि कोरोना से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले 24 घंटे में 71 मरीजों की मौत हो गई। इससे मरने वालों की कुल संख्या 7,060 पहुंच गई है।
वहीं, दिल्ली में कंटेनमेंट (हॉट स्पॉट) जोन की संख्या लगातार बढ़ रही है। 28 अक्टूबर को 3113 कंटेनमेंट जोन थे, जो अब 3878 हो गए हैं। यानी पिछले 12 दिनों में 765 कंटेनमेंट जोन बढ़ गए हैं।
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